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भारत के नवरत्न क्या है What are the Navratnas of india 2024 भारत के नवरत्न कितने है और उनके नाम

भारत के नवरत्न क्या है What are the Navratnas of india 2024 भारत के नवरत्न कितने है और उनके नाम

केंद्रीय सार्वजानिक उपकर्म (नवरत्न) क्या है – What is Navratna.

भारत में, केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (Central Public Sector Enterprises – CPSES) को उनके प्रदर्शन, राजस्व, और विभिन्न मापदंडों के आधार पर विशेष श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इनमें से एक महत्वपूर्ण श्रेणी है ।

नवरत्न का क्या मतलब है – 

“नवरत्न” (Navratna)”,  नवरत्न का यह मतलब है की “नौ रत्न”, और इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाले (CPSES) को विशेष स्वायत्तता और अधिकार दिए जाते हैं ताकि वह तेजी से निर्णय ले सकें और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें और व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए इन उपकर्मों को प्रस्तुत किया गया है ।

केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (नवरत्न) किसे कहते है- What is called Navratna.

केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (Central Public Sector Enterprises – CPSEs) में से कुछ उपक्रमों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन, वित्तीय दक्षता, और रणनीतिक महत्व के कारण “नवरत्न” का दर्जा दिया जाता है।

नवरत्न दर्जा प्राप्त करने के मापदंड- 

वित्तीय प्रदर्शन:- उपक्रम का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, जिसमें लाभप्रदता, लाभांश भुगतान, और लाभ मार्जिन शामिल हैं।

व्यापारिक विकास:- उच्च विकास दर, नए बाजारों में विस्तार और उत्पादकता।

स्वायत्तता और अधिकार:-  महत्वपूर्ण निर्णय लेने की स्वायत्तता और संचालन में अधिक स्वतंत्रता।

नवाचार और अनुसंधान:-  अनुसंधान और विकास में निवेश और नवाचार को बढ़ावा देना।

नवरत्न के क्या अधिकार – What are the rights of Navratna.

भारत में सरकार द्वारा कुछ केंद्रीय सार्वजानिक उपकर्मों को नवरत्न का दर्जा दिया है इन उपकर्मों को को अधिक संचालन प्रदान की गयी है  क्योकि यह विश्व प्रतियोगिताओं का सामना कर सके । तथा इसके आलावा लाभ प्राप्त कर रहे है ।

 

 

भारत के  नवरत्न कितने है और उनके नाम – How many Navaratnas of India are there and their name

नवरत्न के नाम-

  • BHEL  ( भारतीय इलेक्ट्रॉनिक लिमटेड )
  • BPCL  ( भारत प्रेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमटेड )
  • IOC     (
  • ONGC
  • HPCL ( हिन्दुस्तान प्रेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमटेड )
  • SAIL
  • NTPC
  • GAIL  (गेल इण्डिया लिमटेड)
  • MTNL

BHEL (भारतीय इलेक्ट्रॉनिक लिमटेड) – Bharat Heavy Electricals Limited (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड)

संक्षिप्त विवरण: BHEL भारत सरकार की एक महारत्न कंपनी है जो ऊर्जा, ट्रांसमिशन, परिवहन, नवीकरणीय ऊर्जा, तेल और गैस, और रक्षा उपकरणों के निर्माण में लगी हुई है। इसकी स्थापना 1964 में हुई थी।
BPCL (भारत प्रेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमटेड) – Bharat Petroleum Corporation Limited (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)

 

BPCL (भारत प्रेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमटेड) – Bharat Petroleum Corporation Limited (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)

संक्षिप्त विवरण: BPCL भारत की एक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस कंपनी है। यह भारत में पेट्रोलियम उत्पादों के शोधन, वितरण और विपणन में लगी हुई है। BPCL की स्थापना 1952 में हुई थी।
IOC (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन) – Indian Oil Corporation (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन)

 

IOC (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन) – Indian Oil Corporation (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन)

संक्षिप्त विवरण: IOC भारत की सबसे बड़ी वाणिज्यिक तेल कंपनी है। यह पेट्रोलियम रिफाइनिंग, विपणन, और वितरण में लगी हुई है। कंपनी की स्थापना 1959 में हुई थी और इसे 1964 में एक निगम के रूप में समेकित किया गया था।
ONGC (ओएनजीसी) – Oil and Natural Gas Corporation (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन)

 

ONGC (ओएनजीसी) – Oil and Natural Gas Corporation (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन)

संक्षिप्त विवरण: ONGC एक भारतीय बहुराष्ट्रीय तेल और गैस कंपनी है। यह कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज और उत्पादन में प्रमुख है। ONGC की स्थापना 1956 में हुई थी और यह एक महारत्न कंपनी है।
HPCL (हिन्दुस्तान प्रेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमटेड) – Hindustan Petroleum Corporation Limited (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)

 

HPCL (हिन्दुस्तान प्रेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमटेड) – Hindustan Petroleum Corporation Limited (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)

संक्षिप्त विवरण: HPCL भारत की एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस कंपनी है। यह पेट्रोलियम उत्पादों के शोधन, वितरण, और विपणन में लगी हुई है। HPCL की स्थापना 1974 में हुई थी।
ये सभी कंपनियाँ भारत के ऊर्जा और औद्योगिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

 

SAIL – Steel Authority of India Limited (भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड)

संक्षिप्त विवरण: SAIL भारत की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादन कंपनी है। यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है और इस्पात उत्पादन, विपणन और वितरण में संलग्न है। SAIL की स्थापना 1973 में हुई थी।
NTPC – National Thermal Power Corporation Limited (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड)

 

NTPC – National Thermal Power Corporation Limited (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड)

संक्षिप्त विवरण: NTPC भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन कंपनी है। यह तापीय ऊर्जा, जलविद्युत, पवन और सौर ऊर्जा के उत्पादन में लगी हुई है। NTPC की स्थापना 1975 में हुई थी।
GAIL (गेल इण्डिया लिमटेड) – Gas Authority of India Limited (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड)

 

GAIL (गेल इण्डिया लिमटेड) – Gas Authority of India Limited (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड)

संक्षिप्त विवरण: GAIL भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण और वितरण कंपनी है। यह प्राकृतिक गैस, पेट्रोकेमिकल्स, तरल हाइड्रोकार्बन और सिटी गैस वितरण में संलग्न है। GAIL की स्थापना 1984 में हुई थी।
MTNL – Mahanagar Telephone Nigam Limited (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड)

 

MTNL – Mahanagar Telephone Nigam Limited (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड)

संक्षिप्त विवरण: MTNL भारत की एक सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी है। यह दिल्ली और मुंबई में टेलीफोन सेवाओं के संचालन और रखरखाव में लगी हुई है। MTNL की स्थापना 1986 में हुई थी।
ये सभी कंपनियाँ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

 

लघुरत्न क्या है – What is Laghuratna?

लघु रत्न (Miniratna) भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSES) को उनके प्रदर्शन और क्षमता के आधार पर दी जाने वाली एक अन्य श्रेणी है। यह श्रेणी उन उपक्रमों को दी जाती है जो अच्छी वित्तीय स्थिति में हैं और जिनका प्रबंधन उत्कृष्ट है। मिनिरत्न उपक्रमों को अधिक स्वायत्तता और निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी जाती है ताकि वे अपने व्यवसाय को अधिक कुशलता से चला सकें।

कुछ प्रमुख मिनिरत्न या लघुरत्न की श्रेणी-

I भाग  :

AIATSL : एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड
IRCTC:  इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन
RINL:  राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
HCL: हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड

लघुरत्न/मिनिरत्न भाग-II (Miniratna Category):

इस श्रेणी में वे उपक्रम आते हैं जिन्होंने लगातार तीन वर्षों तक लाभ कमाया हो और जिनकी नेट वर्थ सकारात्मक हो। इन उपक्रमों को 300 करोड़ रुपये तक की नई परियोजनाओं में निवेश करने की स्वायत्तता मिलती है।

 

लघु रत्न (Miniratna) का महत्व:

स्वायत्तता:  मिनिरत्न उपक्रमों को महत्वपूर्ण वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता मिलती है, जिससे वे तेजी से और स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकते हैं।

नवाचार:  इन उपक्रमों को अनुसंधान और विकास में निवेश करने और नए उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने की स्वतंत्रता होती है।

प्रदर्शन में सुधार:  अधिक स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमता के साथ, ये उपक्रम अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं।

स्वायत्तता:  मिनिरत्न उपक्रमों को महत्वपूर्ण वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता मिलती है, जिससे वे तेजी से और स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकते हैं।

नवाचार:  इन उपक्रमों को अनुसंधान और विकास में निवेश करने और नए उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने की स्वतंत्रता होती है।

प्रदर्शन में सुधार:  अधिक स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमता के साथ, ये उपक्रम अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं।

 

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