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ई- कॉमर्स Electronic Commerce ECommerce

ई- कॉमर्स Electronic Commerce ECommerce

ई-कॉमर्स ECommerce या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स इंटरनेट के माध्यम से उत्पादों और सेवाओं की खरीद और बिक्री की प्रक्रिया है। इसमें ऑनलाइन लेनदेन, डिजिटल भुगतान, और इंटरनेट आधारित व्यवसायिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं।

ई-कॉमर्स, या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स, वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री का एक तरीका है, जिसमें इंटरनेट का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से लेन-देन किया जाता है। यह पारंपरिक व्यापार के विपरीत है, जिसमें भौतिक स्थान की आवश्यकता होती है। ई-कॉमर्स के अंतर्गत ऑनलाइन शॉपिंग, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन टिकट बुकिंग, और डिजिटल सेवाओं का लेन-देन शामिल है।

ई- कॉमर्स या ई- व्यवसाय का क्या अर्थ है ? 

साधारण शब्दों में, इलेक्ट्रॉनिक साधनों को विशेष रूप से इंटरनेट पे वस्तुओ व् सेवाओं का क्रय – विक्रय करने को ही ई- कॉमर्स कहलाता है ।

ई- कॉमर्स के लिए तीन बातों को ध्यान मर रखना आवश्यक है – 

  • इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से परस्पर सम्बन्ध होना चाहिए ।
  • आर्थिक क्रिया संपन्न होना चाहिए ।
  • परस्पर सम्बन्ध व्यावसायिक संगठन की सीमाओं से बाहर होना चाहिए ।

ई- कॉमर्स की तीन श्रेणियाँ है – 

  • इलेक्ट्रॉनिक बाजार (E- MARKET )
  • इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (EDI) 
  • इंटरनेट कॉमर्स ( E-COMMERCE)                                 

इलेक्ट्रॉनिक बाजार क्या है – 

इलेक्ट्रॉनिक बाजार (Electronic Market) एक ऐसा स्थान है जहाँ विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और गैजेट्स की क्रय (खरीदी) और विक्रय(बिक्री) की जाती है। जैसे –  इसमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, गेमिंग कंसोल, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल होते हैं।

 

ECommerce

 

इलेक्ट्रॉनिक बाजार दो मुख्य प्रकार के होते हैं – 

ऑफलाइन इलेक्ट्रॉनिक बाजार:- यह वे पारंपरिक बाजार हैं जहां लोग भौतिक या महत्वपूर्ण रूप से जाकर उत्पाद ( वस्तु ) खरीदते हैं। इस प्रकार से इसमें रिटेल स्टोर्स, इलेक्ट्रॉनिक शॉप्स, स्मार्ट फ़ोन शॉप्स, और बड़े-बड़े मॉल शामिल होते हैं।

ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक बाजार:  यह ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक बाजार इंटरनेट पर आधारित है, जहाँ ग्राहक विभिन्न ई-कॉमर्सइलेक्ट्रॉनिक बाजार (Electronic Market) एक ऐसा स्थान है जहाँ विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और गैजेट्स की खरीदारी और बिक्री की जाती है। इसमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, होम अप्लायंसेज, गेमिंग कंसोल, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल होते है ।

इलेक्ट्रॉनिक बाजार की विशेषताएँविविधता:  इन बाजारों में विभिन्न ब्रांड्स और मॉडलों के उत्पाद मिलते हैं, जिससे ग्राहकों को अधिक विकल्प मिलते हैं।प्रतिस्पर्धी मूल्य: ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में उत्पादों के मूल्यप्रतिस्पर्धी होते हैं, जिससे ग्राहकों को लाभ होता है।

सुविधा:  ऑनलाइन बाजार में खरीदारी करना सुविधाजनक होता है, क्योंकि उत्पादों की होम डिलीवरी होती है और पेमेंट के लिए विभिन्न विकल्प होते हैं।विशेष ऑफर और डिस्काउंट: त्योहारी सीजन, सालाना सेल, और अन्य प्रमोशन के दौरान विशेष ऑफर और डिस्काउंट मिलते हैं।

विशेष ऑफर और डिस्काउंट:  त्योहारी सीजन, सालाना सेल, और अन्य प्रमोशन के दौरान विशेष ऑफर और डिस्काउंट मिलते हैं।

 

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इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (EDI) क्या है –

इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (EDI) एक ऐसी तकनीक है जो विभिन्न कंपनियों और संगठनों के बीच मानकीकृत इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में डेटा का आदान-प्रदान करने की सुविधा प्रदान करती है। यह तकनीक कागजी दस्तावेजों के उपयोग को समाप्त करती है और व्यवसाय प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और तेज बनाती है। जिससे व्यवसाय को आगे बढ़ाने में अधिक से अधिक मदद मिलती है ।  EDI का उपयोग मुख्य रूप से आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, वित्तीय लेनदेन, और अन्य व्यापारिक गतिविधियों में किया जाता है।

EDI की विशेषताएँ –   

स्वचालन: (EDI) दस्तावेजों का आदान-प्रदान स्वचालित रूप से होता है, जिससे मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता कम होती है।

मानकीकरण: (EDI) दस्तावेज़ों के प्रारूप मानकीकृत होते हैं, जैसे कि EDIFACT, ANSI X12, जिससे विभिन्न सिस्टम और सॉफ़्टवेयर के बीच संगतता सुनिश्चित होती है।

सुरक्षा: (EDI) सिस्टम में डेटा सुरक्षा के लिए मजबूत एन्क्रिप्शन और प्रमाणीकरण तंत्र होते हैं।

कुशलता: यह तकनीक ( idea) लेनदेन को तेज और सटीक बनाती है, और जिससे त्रुटियों की संभावना कम हो जाती है।

 

इंटरनेट कॉमर्स या ई-कॉमर्स ( E-COMMERCE) क्या है – 

इसे इंटरनेट कॉमर्स या ई- कॉमर्स (Electronic Commerce) कहा जाता है, इंटरनेट के माध्यम से उत्पादों और सेवाओं की खरीद और बिक्री की जाती है।  इसमें ऑनलाइन मार्केटप्लेस, वेबसाइट्स, और मोबाइल ऐप्स का उपयोग करके व्यवसाय और उपभोक्ता के बीच होने वाले सभी प्रकार के लेनदेन शामिल होते हैं।

 

इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स (E-Commerce) के प्रमुख घटक –

ऑनलाइन स्टोरफ्रंट: यह एक वेबसाइट या मोबाइल ऐप होता है जहाँ उपभोक्ता उत्पादों और सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें खरीद सकते हैं। उदाहरण: Amazon, Flipkart।

शॉपिंग कार्ट सिस्टम: यह सॉफ़्टवेयर उपभोक्ताओं को अपने चयनित उत्पादों को एक आभासी कार्ट में जोड़ने और खरीदारी पूरी करने की अनुमति देता है।

पेमेंट गेटवे : यह ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेसिंग सिस्टम है जो क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, और अन्य पेमेंट विकल्पों को सुरक्षित तरीके से संभालता है। उदाहरण: PayPal, Stripe।

ऑर्डर मैनेजमेंट सिस्टम: यह सॉफ़्टवेयर टूल्स का एक सेट है जो ऑर्डर की प्रोसेसिंग, ट्रैकिंग, और फुलफिलमेंट को मैनेज करता है।

 

ई- कॉमर्स के लाभ – 

विश्व बाजार: व्यवसाय विश्वभर में अपने उत्पाद और सेवाएँ बेच सकते हैं, जिससे उनके ग्राहकों की संख्या बढ़ जाती है।

तीव्र (जल्दी) हस्तांतरण:  अच्छी वस्तु देखकर तथा चुनकर करके उपभोक्ता अपना क्रय ( खरीदी ) – आदेश (purchase order) इंटनेट पर भेजकर शीघ्र वस्तु प्राप्त कर सकता है ।

व्यक्तिगत अनुभव:  उपभोक्ताओं को उनके पसंद और पूर्व खरीदारी इतिहास के आधार पर उत्पादों की सिफारिशें मिलती हैं।

मानव शक्ति की कम आवश्यकता:  ई- कॉमर्स में व्यापार के संगठनों को मानव शक्ति की काम आवश्यकता होती है । और वस्तुओं का क्रय – विक्रय (लेनदेन) बड़ी आसानी से कम्प्यूटर पर ही हो जाता है ।

क्रियाशील लागतों में कमी:  ऑनलाइन स्टोरफ्रंट की स्थापना और संचालन का खर्च पारंपरिक रिटेल स्टोर्स की तुलना में क्रियाशील व्यय( operatting ekpenses ) कम हो जाते है।

उत्पादकता में वृद्धि : ई-कॉमर्स के द्वारा व्यावसायिक संगठनों की उत्पादकता में बढ़ोतरी होने में अधिक सहायता मिलती है ।

सुरक्षा: कम्प्यूटर पर क्रेता – विक्रेता सीधे संपर्क में आते है । अतः पासवर्ड का प्रयोग करके उनके बीच (मध्य) लेन-देन को सुरक्षित बनाया जा सकता है ।

 

ई- कॉमर्स के प्रकार – 

  • व्यवसाय से ग्राहक ( B2C) –  व्यावसायिक संगठन विक्रेता तथा ग्राहक ( या उपभोक्ता ) करता होता है ।   जैसे –  बुक स्टोर अपनी पुस्तके इंटरनेट के माध्यम से सीधे ग्राहकों या विद्यार्थियों को बेचे तो यह ‘व्यवसाय से ग्राहक’ B2C कहलाता है ।

व्यवसाय से ग्राहक (Business to Consumer या B2C) एक ऐसा व्यापार मॉडल है जिसमें व्यवसाय सीधे अंतिम उपभोक्ताओं को अपने उत्पाद या सेवाएं बेचते हैं। इस मॉडल में ग्राहकों के लिए उत्पाद या सेवाओं को डिजाइन, मार्केटिंग और वितरित करने की प्रक्रिया शामिल होती है। B2C व्यवसायों के प्रमुख उदाहरणों में रिटेल स्टोर्स, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, और सेवा प्रदाता जैसे टेलीकॉम कंपनियां और बैंक शामिल हैं।

B2C व्यापार मॉडल की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. सीधा संपर्क:- B2C मॉडल में व्यवसाय सीधे ग्राहकों के साथ संपर्क में रहते हैं, जिससे वे उपभोक्ता की जरूरतों और प्राथमिकताओं को अच्छी तरह समझ सकते हैं।

2. विपणन और विज्ञापन:- B2C कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए व्यापक विपणन और विज्ञापन अभियान चलाती हैं। इसके तहत टेलीविजन, सोशल मीडिया, प्रिंट और डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जाता है।

3. व्यक्तिगतकरण:- B2C व्यवसाय अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हैं। इससे ग्राहक अनुभव में सुधार होता है और ग्राहक संतुष्टि बढ़ती है।

4. बिक्री चैनल:- B2C मॉडल में बिक्री के कई चैनल हो सकते हैं जैसे ई-कॉमर्स वेबसाइटें, फिजिकल स्टोर्स, और मोबाइल ऐप्स। इससे ग्राहकों के लिए उत्पाद या सेवाएं खरीदना आसान हो जाता है।

5. उच्च प्रतिस्पर्धा:- B2C क्षेत्र में प्रतियोगिता बहुत अधिक होती है, जिससे व्यवसायों को लगातार नवाचार और गुणवत्ता में सुधार करना होता है।

उदाहरण
– ई-कॉमर्स वेबसाइट्स: Amazon, Flipkart
– रिटेल स्टोर्स: Walmart, Big Bazaar
– सेवा प्रदाता: Airtel, Netflix

B2C मॉडल के फायदे – Advantages of B2C model
1. प्रशस्त बाजार:- B2C व्यवसायों का बाजार बहुत बड़ा होता है, क्योंकि वे सीधे अंतिम उपभोक्ताओं को लक्षित करते हैं।
2. ब्रांड जागरूकता:- सीधे ग्राहकों से संपर्क होने के कारण, ब्रांड पहचान और जागरूकता बढ़ाना आसान होता है।
3. अनुकूल प्रतिक्रिया:- ग्राहकों से सीधे फीडबैक प्राप्त कर उत्पादों और सेवाओं में सुधार करना संभव होता है।

चुनौतियाँ
1. उच्च विपणन खर्च:- बड़ी संख्या में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विपणन और विज्ञापन पर भारी खर्च करना पड़ता है।
2. ग्राहक संतुष्टि:- ग्राहकों की अपेक्षाएं लगातार बदलती रहती हैं, जिससे उनकी संतुष्टि बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
3. प्रतिस्पर्धा:- बाजार में उच्च प्रतिस्पर्धा के कारण बाजार में टिके रहना और लाभकारी बने रहना कठिन हो सकता है।

B2C मॉडल की सफलता उपभोक्ता की संतुष्टि और अनुभव पर निर्भर करती है। इसलिए, व्यवसायों को ग्राहकों की जरूरतों को समझने और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं और उत्पाद प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

 

  • व्यवसाय से व्यवसाय ( B2B) –  इसमें क्रेता और विक्रेता दोनों ही व्यावसायिक संगठन होते है ।
  • इसमें तीन प्रकार है –  > क्रेता उन्मुख प्रणाली                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        > विक्रेता उन्मुख प्रणाली                                                                                                                                                                                                                                                                                                                   > विक्रेता का बाजार स्थान

व्यवसाय से व्यवसाय (Business to Business या B2B) एक व्यापार मॉडल है जिसमें एक व्यवसाय अपने उत्पाद या सेवाएं किसी अन्य व्यवसाय को बेचता है। यह मॉडल उन व्यापारिक लेनदेन को दर्शाता है जो दो कंपनियों के बीच होते हैं, न कि अंतिम उपभोक्ताओं के साथ। B2B व्यवसायों के उदाहरणों में थोक व्यापारी, निर्माता, और व्यावसायिक सेवा प्रदाता शामिल हैं।

B2B व्यापार मॉडल की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. लंबे समय के संबंध:- B2B लेनदेन आमतौर पर लंबे समय के संबंध और अनुबंध पर आधारित होते हैं, जिससे स्थिर और स्थायी व्यापारिक रिश्ते बनते हैं।

2. बड़े ऑर्डर और उच्च मूल्य:- B2B लेनदेन में आमतौर पर बड़े ऑर्डर और उच्च मूल्य के लेनदेन होते हैं, जो B2C के मुकाबले कहीं अधिक होते हैं।

3. विशिष्टता और अनुकूलन:- B2B उत्पाद और सेवाएं अक्सर विशेष रूप से व्यवसाय की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित की जाती हैं, जिससे उन्हें व्यक्तिगत ग्राहक की आवश्यकताओं के अनुसार बनाया जा सकता है।

4. लंबी बिक्री प्रक्रिया:- B2B में बिक्री चक्र लंबा होता है क्योंकि इसमें कई चरण होते हैं जैसे अनुसंधान, मूल्यांकन, अनुमोदन और अंत में खरीदारी।

5. पेशेवर संबंध:- B2B में लेनदेन के दौरान पेशेवर और औपचारिक संबंध बनाए जाते हैं, जिसमें कंपनी के विभिन्न विभाग और प्रबंधक शामिल होते हैं।

उदाहरण
– निर्माता और थोक व्यापारी:- एक कंपनी जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाती है, वह इन्हें थोक व्यापारी या खुदरा विक्रेताओं को बेचती है।
– व्यावसायिक सेवाएं:- एक आईटी सेवा कंपनी जो सॉफ्टवेयर समाधान अन्य व्यवसायों को प्रदान करती है।
– उद्योगिक आपूर्तिकर्ता:-एक निर्माण सामग्री सप्लायर जो निर्माण कंपनियों को आवश्यक सामग्री प्रदान करता है।

B2B मॉडल के फायदे – Advantages of B2B model
1. स्थिरता और भविष्यवाणी:- दीर्घकालिक अनुबंध और बड़े ऑर्डर होने से राजस्व स्थिर और पूर्वानुमानित होता है।
2. लागत की प्रभावशीलता:- बड़े पैमाने पर उत्पादन और थोक खरीदारी के कारण लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है।
3. विशेषज्ञता:- B2B कंपनियां अपने ग्राहकों की विशेष जरूरतों को समझने और पूरा करने में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकती हैं।

चुनौतियाँ
1. जटिल बिक्री चक्र: लंबी और जटिल बिक्री प्रक्रिया, जो समय और संसाधनों की मांग करती है।
2. निर्भरता:- कुछ बड़े ग्राहकों पर अत्यधिक निर्भरता होने से जोखिम बढ़ सकता है यदि वे ग्राहक कंपनी छोड़ देते हैं।
3. बाजार सीमाएँ:- B2B बाजार अपेक्षाकृत छोटा हो सकता है, जिससे विस्तार और विकास की संभावनाएं सीमित हो सकती हैं।

B2B मॉडल के उदाहरण
– SAP: एक सॉफ्टवेयर कंपनी जो एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) सॉल्यूशंस प्रदान करती है।
– Caterpillar: एक कंपनी जो निर्माण उपकरण अन्य व्यवसायों को बेचती है।
– Grainger: एक औद्योगिक आपूर्तिकर्ता जो विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करता है।

B2B मॉडल में सफलता के लिए, व्यवसायों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद, उत्कृष्ट ग्राहक सेवा, और प्रभावी व्यावसायिक संबंध बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें ग्राहकों की विशिष्ट जरूरतों को समझने और उनके लिए अनुकूल समाधान प्रदान करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए।

 

  • ग्राहक से ग्राहक ( C2C) – क्रेता एवं विक्रेता दोनों ही ग्राहक या ( उपभोक्ता ) होते है । ई- कॉमर्स का उदय होने से ऑन – लाइन नीलामी (ON-LINE-AUCATION) ग्राहक से ग्राहक के संपर्क हेतु एक प्रभावी साधन है ।

 

  • ग्राहक से व्यवसाय ( C2B) –  यह व्यवसाय का नया रूप है उपभोक्ता या ग्राहक अपनी विशिष्ट आवश्यकताए व्यवसाय को बताता है । उन आवश्यकताओं को पूरा कर उत्पाद प्रदान करता है जैसे – परम्परागत व्यवसाय में दरजी माप के अनुसार कपडे बनता है ।

 

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