×

Business Environment : व्यावसायिक पर्यावरण क्या है व्यावसायिक वातावरण की विशेषताएँ | व्यावसायिक वातावरण का महत्त्व | व्यावसायिक पर्यावरण के घटक

Business Environment : व्यावसायिक पर्यावरण क्या है व्यावसायिक वातावरण की विशेषताएँ | व्यावसायिक वातावरण का महत्त्व | व्यावसायिक पर्यावरण के घटक

व्यावसायिक वातावरण – business environment

  • व्यवसाय क्या है –
  • व्यावसायिक पर्यावरण क्या है – meaning of business environment
  • व्यावसायिक पर्यावरण की विशेषता
  • व्यावसायिक पर्यावरण का महत्त्व
  • व्यावसायिक पर्यावरण के घटक

 

व्यवसाय की परिभाषा : definition of business 

“व्यवसाय एक संगठित आर्थिक गतिविधि है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन, वितरण और विनिमय किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जित करना होता है।”

डेविस के अनुसार – “व्यवसाय वस्तओं तथा सेवाओं के उत्पादन करने, बाजार में उनकी बिक्री करने तथा इस प्रयास से लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की संगठित कोशिश है” ।

मेल्विन एन्सम के अनुसार – ” व्यवसाय जीविकोपार्जन का एक तरीका है”

इस परिभाषा में कुछ मुख्य तत्व शामिल होते हैं:

1. संगठित आर्थिक गतिविधि:- व्यवसाय एक योजना के तहत संचालित किया जाता है और इसमें विभिन्न कार्यों का समन्वय होता है।
2. वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन और वितरण:- व्यवसाय में भौतिक वस्तुओं (जैसे कपड़े, उपकरण) और सेवाओं (जैसे बैंकिंग, परामर्श) का निर्माण और आपूर्ति शामिल होती है।
3. लाभ अर्जित करना:-  व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य आर्थिक लाभ कमाना होता है, ताकि वह टिकाऊ और निरंतर चल सके।

इस प्रकार, व्यवसाय एक व्यापक गतिविधि है जो समाज की आर्थिक संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

 

व्यावसायिक वातावरण (Business Environment) –  types of business environment

उस समग्र वातावरण को संदर्भित करता है जिसमें एक व्यवसाय संचालित होता है। इसमें वे सभी बाहरी और आंतरिक कारक शामिल होते हैं जो व्यवसाय की कार्यप्रणाली, निर्णयों और रणनीतियों को प्रभावित करते हैं। व्यावसायिक वातावरण को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है: types of business environment

रॉबिन्सन – “पर्यावरण उन संस्थानों या शक्तियों से बना होता है जो किसी संगठन के कार्य निष्पादन को प्रभावित करती हैं , किन्तु उस संगठन का उन पर बहुत काम नियंत्रण होता है”

1. आंतरिक वातावरण (Internal Environment):
– मानव संसाधन:- कर्मचारियों, प्रबंधन और उनकी योग्यता, दृष्टिकोण और प्रेरणा।
– संगठनात्मक संस्कृति:- संगठन के मूल्य, विश्वास, और मानदंड।
– संसाधन:- वित्तीय, भौतिक और तकनीकी संसाधनों की उपलब्धता।
– संगठनात्मक संरचना:- संगठन की संरचना और संगठनात्मक प्रक्रियाएं।

2. बाहरी वातावरण (External Environment):
– आर्थिक वातावरण:- अर्थव्यवस्था की स्थिति, मुद्रास्फीति दर, बेरोजगारी दर, और आय स्तर।
– सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण:- समाज के मूल्य, विश्वास, परंपराएं, और जनसंख्या का जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल।
– प्रौद्योगिकी वातावरण:- नई तकनीकों का विकास और उपलब्धता।
– राजनीतिक और कानूनी वातावरण:- सरकार की नीतियां, नियम, और विनियम।
– प्रतियोगी वातावरण:- बाजार में प्रतियोगियों की संख्या, उनके कार्य और रणनीतियां।
– प्राकृतिक वातावरण:- प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता और पर्यावरणीय नियम।
– वैश्विक वातावरण:- वैश्वीकरण, अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियां, और वैश्विक आर्थिक रुझान।

व्यावसायिक वातावरण को समझना और उसके अनुरूप रणनीतियां बनाना किसी भी व्यवसाय की सफलता के लिए आवश्यक है। यह वातावरण गतिशील और परिवर्तनशील होता है, इसलिए व्यवसायों को अपने वातावरण के प्रति संवेदनशील रहना और आवश्यकतानुसार समायोजन करना महत्वपूर्ण होता है।

 

साझेदारी फर्मो के लिए लेखांकन Accounting for Partnership Firms fundamental class 12 solutions objective types fact

व्यावसायिक वातावरण की विशेषताएँ – features of business environment

व्यावसायिक वातावरण की कई विशेषताएँ हैं जो इसे जटिल और गतिशील बनाती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख विशेषताएँ दी गई हैं:

1. गतिशीलता (Dynamic Nature):- व्यावसायिक वातावरण लगातार बदलता रहता है। व्यवसाय का वातावरण गतिशील देखा गया है अर्थात समय समय पर बदलाव देखे  गए है यह कभी भी स्थिर नहीं रहता है इसमें आर्थिक, राजनीतिक, तकनीकी, और सामाजिक कारकों के कारण लगातार परिवर्तन होते रहते हैं।

2. जटिलता (Complexity):-व्यावसायिक वातावरण में कई कारक और तत्व शामिल होते हैं जो परस्पर संबंधित होते हैं। यह जटिलता व्यवसाय के निर्णयों को प्रभावित करती है और उनकी योजना को चुनौतीपूर्ण बनाती है। व्यावसायिक वातावरण में आर्थिक, राजनीतिक, तकनीकी, और सामाजिक कारक शामिल होते जो की व्यवसाय के अंदर और बाहर के नियंत्रण और क्रियाओ को अधिक जटिल बना देता है ।

3. अनिश्चितता (Uncertainty):- व्यावसायिक वातावरण में बदलाव अक्सर अप्रत्याशित होते हैं। भविष्य की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाना कठिन होता है, जिससे व्यवसायों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। व्यावसायिक वातावरण मानसून की तरह अनिश्चित होता है इसका अनुमान सटीक नहीं लगया जा सकता है । जिससे योजना बनाने में बहुत समस्या आ सकती है

4. विविधता (Diversity):- विभिन्न व्यवसायों के लिए वातावरण अलग-अलग हो सकता है। यह विविधता व्यवसाय की प्रकृति, उद्योग, भौगोलिक स्थान, और अन्य कारकों पर निर्भर करती है।

5. परस्पर संबंध (Interrelatedness):- व्यावसायिक वातावरण के विभिन्न घटक एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। एक तत्व में परिवर्तन अन्य तत्वों को भी प्रभावित कर सकता है।

6. बहुआयामी प्रकृति (Multi-dimensional Nature):- व्यावसायिक वातावरण कई आयामों से बना होता है जैसे आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी, कानूनी, और वैश्विक। प्रत्येक आयाम व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है।

7. प्रभावशीलता (Pervasiveness):- व्यावसायिक वातावरण का प्रभाव सभी व्यवसायों पर होता है, चाहे वे छोटे हों या बड़े, सेवा क्षेत्र में हों या उत्पादन क्षेत्र में।

8. परिवर्तनशीलता (Changeability):- व्यावसायिक वातावरण समय के साथ बदलता रहता है और यह परिवर्तन तेजी से हो सकते हैं, जिससे व्यवसायों को अपने रणनीतियों और कार्यों को लगातार अपडेट करना पड़ता है।

इन विशेषताओं के कारण, व्यवसायों को अपने वातावरण को समझना और उसके अनुरूप रणनीतियाँ बनाना आवश्यक होता है। इससे वे बाजार में प्रतिस्पर्धा में बने रह सकते हैं और अनिश्चितताओं का सामना कर सकते हैं।

 

व्यावसायिक वातावरण का महत्त्व – Importance of business environment

व्यावसायिक वातावरण का महत्त्व कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह किसी भी व्यवसाय की रणनीतियों, निर्णयों और संचालन को प्रभावित करता है। यहाँ व्यावसायिक वातावरण के महत्त्व को विभिन्न पहलुओं में समझाया गया है:

1. रणनीतिक योजना (Strategic Planning):- व्यावसायिक वातावरण की गहन समझ व्यवसाय को अपनी दीर्घकालिक रणनीतियों को प्रभावी ढंग से योजना बनाने में मदद करती है। यह उन्हें बाजार के रुझानों, अवसरों और खतरों की पहचान करने में सक्षम बनाता है।

2. निर्णय लेने में सहायता (Aid in Decision Making):- व्यावसायिक वातावरण की जानकारी से व्यवसायी सही समय पर सही निर्णय ले सकते हैं। इससे वे बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रख सकते हैं और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

3. जोखिम प्रबंधन (Risk Management):- व्यावसायिक वातावरण में शामिल विभिन्न जोखिमों की पहचान करके, व्यवसाय अपने जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को बेहतर बना सकते हैं। इससे वे अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकते हैं।

4. साधनों का कुशल प्रबंधन (Efficient Resource Management):- व्यावसायिक वातावरण की समझ से व्यवसायी अपने संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं। यह उन्हें आर्थिक, मानव, और भौतिक संसाधनों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।

5. नवाचार और प्रतिस्पर्धा (Innovation and Competition):- व्यावसायिक वातावरण के परिवर्तनों को समझकर, व्यवसाय नए उत्पादों और सेवाओं के विकास में नवाचार कर सकते हैं। इससे वे प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकते हैं और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं।

6. कानूनी अनुपालन (Legal Compliance):- व्यावसायिक वातावरण में कानूनी और नियामक आवश्यकताएं शामिल होती हैं। इनका ज्ञान व्यवसायों को कानूनी नियमों का पालन करने में मदद करता है, जिससे वे कानूनी समस्याओं से बच सकते हैं।

7. संबंध निर्माण (Relationship Building):- व्यावसायिक वातावरण की समझ से व्यवसाय अपने ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं, और अन्य हितधारकों के साथ मजबूत और सकारात्मक संबंध बना सकते हैं। इससे वे दीर्घकालिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

8. स्थिरता और वृद्धि (Stability and Growth):- एक सकारात्मक व्यावसायिक वातावरण व्यवसाय को स्थिरता और वृद्धि प्रदान करता है। यह उन्हें नए अवसरों का लाभ उठाने और निरंतर विकास की दिशा में अग्रसर होने में सक्षम बनाता है।

9. वैश्विक व्यापार (Global Business):- आज के वैश्वीकृत दुनिया में, व्यावसायिक वातावरण की जानकारी व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने और वहां सफल होने में मदद करती है।

व्यावसायिक वातावरण का गहन विश्लेषण और समझ व्यवसाय की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह व्यवसायों को अनुकूलन क्षमता, प्रतिस्पर्धात्मक लाभ, और दीर्घकालिक सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है।

 

Company : कम्पनी का निर्माण या स्थापना कैसे करते हैं – कंपनी का प्रवर्तन क्या होता है

 

व्यावसायिक पर्यावरण के घटक – components of business environment

व्यावसायिक पर्यावरण के घटक विभिन्न आंतरिक और बाहरी तत्व होते हैं जो किसी व्यवसाय की गतिविधियों, निर्णयों और रणनीतियों को प्रभावित करते हैं। इन्हें मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: आंतरिक घटक और बाहरी घटक।

आंतरिक घटक (Internal Components)
आंतरिक घटक वे तत्व होते हैं जिन पर व्यवसाय का प्रत्यक्ष नियंत्रण होता है। ये घटक व्यवसाय के अंदरूनी पहलुओं को दर्शाते हैं।

1. मानव संसाधन (Human Resources):
– कर्मचारियों की संख्या, कौशल, अनुभव, और प्रेरणा।
– कर्मचारियों का प्रशिक्षण और विकास।
– संगठनात्मक संस्कृति और कार्य नैतिकता।

२। संगठनात्मक संरचना (Organizational Structure):
– संगठन की संरचना, पदानुक्रम, और कार्य विभाजन।
– प्रबंधन शैली और नेतृत्व की गुणवत्ता।

3. वित्तीय संसाधन (Financial Resources):
– पूंजी, नकदी प्रवाह, और वित्तीय स्थिरता।
– वित्तीय प्रबंधन और निवेश के निर्णय।

4. भौतिक संसाधन (Physical Resources):
– उपकरण, मशीनरी, और अन्य भौतिक संपत्तियाँ।
– उत्पादन की सुविधाएँ और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।

5. प्रौद्योगिकी (Technology):
– संगठन द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकें।
– अनुसंधान और विकास गतिविधियाँ।

 

बाहरी घटक (External Components)
बाहरी घटक वे तत्व होते हैं जिन पर व्यवसाय का नियंत्रण कम या न के बराबर होता है। ये घटक व्यवसाय के बाहरी वातावरण से संबंधित होते हैं।

1. आर्थिक वातावरण (Economic Environment):
– अर्थव्यवस्था की स्थिति, मुद्रास्फीति दर, ब्याज दरें।
– आर्थिक नीतियाँ और बाजार की स्थिति।

2. सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण (Social and Cultural Environment):
– समाज के मूल्य, विश्वास, और जीवन शैली।
– जनसांख्यिकी, शिक्षा का स्तर, और सामाजिक रुझान।

3. प्रौद्योगिकी वातावरण (Technological Environment):
– तकनीकी प्रगति और नवाचार।
– अनुसंधान और विकास की स्थिति।

4. राजनीतिक और कानूनी वातावरण (Political and Legal Environment):
– सरकार की नीतियाँ, नियम और विनियम।
– कानूनी ढांचा और राजनीतिक स्थिरता।

5. प्रतियोगी वातावरण (Competitive Environment):
– उद्योग में प्रतिस्पर्धा की स्थिति।
– प्रतियोगियों की रणनीतियाँ और बाजार संरचना।

6. प्राकृतिक वातावरण (Natural Environment):
– प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता।
– पर्यावरणीय नियम और स्थिरता के मुद्दे।

7. वैश्विक वातावरण (Global Environment):
– वैश्विक व्यापार नीतियाँ और अंतरराष्ट्रीय बाजार।
– वैश्विक आर्थिक प्रवृत्तियाँ और सांस्कृतिक प्रभाव।

8. ग्राहक वातावरण (Customer Environment):
– ग्राहक की प्राथमिकताएँ और आवश्यकताएँ।
– उपभोक्ता व्यवहार और बाजार की मांग।

 

सूक्ष्म वातावरण (Micro Environment)
यह व्यवसाय के निकट के तत्वों को संदर्भित करता है जो प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं:

1. आपूर्तिकर्ता (Suppliers):
– कच्चे माल और अन्य संसाधनों की आपूर्ति।
– आपूर्तिकर्ताओं के साथ संबंध और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।

2. मध्यवर्ती (Intermediaries):
– जो उत्पाद को बाजार तक पहुँचाने में मदद करते हैं, जैसे थोक व्यापारी और खुदरा विक्रेता।

3. ग्राहक (Customers):
– जो उत्पाद या सेवा का उपभोग करते हैं।
– ग्राहक की संतुष्टि और वफादारी।

4. प्रतिस्पर्धी (Competitors):
– जो समान उत्पाद या सेवा की पेशकश करते हैं।
– प्रतिस्पर्धात्मक रणनीतियाँ और बाजार स्थिति।

5. सार्वजनिक (Public):
– विभिन्न हितधारक समूह जो व्यवसाय की छवि और प्रतिष्ठा को प्रभावित करते हैं।
– मीडिया, एनजीओ, और समुदाय।

इन घटकों की गहन समझ और विश्लेषण व्यवसाय को रणनीतिक निर्णय लेने में मदद करता है, जिससे वह बाजार में प्रतिस्पर्धा में बने रह सकता है और दीर्घकालिक सफलता प्राप्त कर सकता है।

 

 

इन्हें भी पढ़ें – ⇓⇓

Company : कम्पनी का निर्माण या स्थापना कैसे करते हैं – कंपनी का प्रवर्तन क्या होता है

 

साझेदारी फर्मो के लिए लेखांकन Accounting for Partnership Firms fundamental class 12 solutions objective types fact

साझेदारी का पुनर्गठन Reconstitution of Partnership

साझेदार का प्रवेश admission of a partner class 12th solution | commerce lesson 3 important fact objective one liner

साझेदार का अवकाश ग्रहण retirement of partner 12th commerce lesson 4 important mcq

 

2 comments

Post Comment

You May Have Missed