account class 11th : लेखांकन से परिचय introduction to accounting class 11 notes questions and answers प्रश्नों के उत्तर
इस पोस्ट में हम account class 11th : लेखांकन से परिचय introduction to accounting सभी प्रश्नों के उत्तर को हल करेंगे उनका solution देंगे – जो की आपकी परीक्षा के लिए उपयोगी होंगे इसमें छोटे और बड़े दोनों प्रश्न को हम शामिल करते है –
class 11th अध्याय 1 सभी प्रश्नों के उत्तर । introduction to accounting class 11 questions and answers
1.- बहीखाता क्या है ? बहीखाता को परिभाषित कीजिए ? तथा बहीखाता से क्या लाभ है ? What is bookkeeping? Define bookkeeping? And what are the benefits of bookkeeping?
उत्तर-
बहीखाता की परिभाषा:
बहीखाता (Ledger) एक ऐसी पुस्तक या रिकॉर्ड है जिसमें किसी व्यवसाय के वित्तीय लेन-देन का संपूर्ण और व्यवस्थित विवरण होता है। यह व्यवसाय के खातों का विस्तृत सारांश प्रस्तुत करता है।
बहीखाता से लाभ:
व्यवस्थित रिकॉर्ड: बहीखाता सभी वित्तीय लेन-देन को व्यवस्थित रूप में संग्रहित करता है।
विश्लेषण की सुविधा: व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और परिणामों का विश्लेषण करना आसान हो जाता है।
सही निर्णय: व्यवसायिक निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
ट्रैकिंग: व्यवसाय के विभिन्न खातों की स्थिति का पता चलता है।
वित्तीय रिपोर्ट: बैलेंस शीट और अन्य वित्तीय रिपोर्ट तैयार करने में सहायक।
2.- लेखांकन क्या है, लेखांकन को परिभाषित कीजिए तथा लेखांकन की प्रमुख विशेषताए लिखिए ? What is accounting, define accounting and write the main features of accounting?
उत्तर-
लेखांकन की परिभाषा:
लेखांकन (Accounting) वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यवसाय के वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्डिंग, वर्गीकरण, संक्षेपण और व्याख्या की जाती है। इसका उद्देश्य वित्तीय जानकारी को सार्थक और उपयोगी बनाना है।
लेखांकन की प्रमुख विशेषताएँ:
रिकॉर्डिंग: सभी वित्तीय लेन-देन का सही और क्रमबद्ध रिकॉर्ड रखना।
वर्गीकरण: लेन-देन को उचित खातों में वर्गीकृत करना।
सारांश: वित्तीय रिपोर्ट तैयार करने के लिए आंकड़ों का संक्षेपण करना।
विश्लेषण: वित्तीय जानकारी का विश्लेषण और व्याख्या करना।
प्रस्तुति: उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट और समझने योग्य रूप में वित्तीय जानकारी प्रस्तुत करना।
3.- लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषा बताइए तथा इसके उद्देश्य और महत्त्व को समझाइए ? Give the meaning and definition of accounting and explain its objectives and importance.
उत्तर-
लेखांकन (Accounting) व्यवसाय के वित्तीय लेन-देन को रिकॉर्ड, वर्गीकृत, सारांशित, विश्लेषित और रिपोर्ट करने की प्रणाली है। यह वित्तीय जानकारी को उपयोगकर्ताओं तक पहुँचाने का माध्यम है।
उद्देश्य:
वित्तीय स्थिति का निर्धारण: व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और प्रदर्शन को जानना।
आर्थिक निर्णय में सहायता: निवेशकों, प्रबंधकों और अन्य उपयोगकर्ताओं को सही आर्थिक निर्णय लेने में सहायता।
नियंत्रण: व्यय और आय पर नियंत्रण रखना।
कर निर्धारण: सही कराधान के लिए सटीक जानकारी प्रदान करना।
महत्त्व:
पारदर्शिता: व्यवसाय के वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता लाता है।
वित्तीय योजना: भविष्य की वित्तीय योजनाओं और बजट बनाने में सहायक।
कानूनी अनुपालन: कानूनी और नियामक आवश्यकताओं को पूरा करना।
भरोसेमंद जानकारी: निवेशकों और अन्य हितधारकों को विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना।
4.- आहरण और पूंजी को स्पस्ट रूप से समझाइए ? Explain withdrawal and capital clearly?
उत्तर-
आहरण (Drawings):
आहरण वह राशि है जो व्यवसाय का मालिक अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए व्यवसाय से निकालता है। यह व्यवसाय की पूंजी को घटाती है।
पूंजी (Capital):
पूंजी वह धनराशि या संपत्ति है जो मालिक व्यवसाय में निवेश करता है। यह व्यवसाय की वित्तीय आधारशिला है और व्यवसाय की संपत्ति और देनदारियों का शुद्ध मूल्य दर्शाती है।
स्पष्टता:
आहरण से व्यवसाय की कुल पूंजी घटती है।
पूंजी व्यवसाय की वित्तीय ताकत को दर्शाती है।
5.- व्यापारिक बाटता क्या है इसकी जर्नल प्रवष्टि क्यों नहीं की जाती है बताइए ? What is trade distribution and why its journal entry is not made? Explain.
Company : कम्पनी का निर्माण या स्थापना कैसे करते हैं – कंपनी का प्रवर्तन क्या होता है
6.- व्यापारिक कटौती से अपना आशय स्पष्ट कीजिए ? Explain what you mean by trade deduction?
उत्तर-
व्यापारिक कटौती का आशय:**
व्यापारिक कटौती वह रियायत है जो विक्रेता द्वारा ग्राहक को दी जाती है जब वह बड़ी मात्रा में या नियमित रूप से खरीदारी करता है। यह कटौती विक्रेता के सूची मूल्य से की जाती है और बिक्री के चालान पर दर्शाई जाती है।
**व्यापारिक कटौती का उद्देश्य:**
1. **बिक्री बढ़ाना:** बड़े ऑर्डर प्राप्त करने के लिए।
2. **ग्राहक संतुष्टि:** ग्राहकों को संतुष्ट और स्थायी बनाए रखने के लिए।
3. **प्रतिस्पर्धात्मकता:** प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए।
7.- सम्पति एवं दायित्व को समझाइए ? Explain assets and liabilities?
उत्तर-
सम्पत्ति (Assets):
सम्पत्ति वे संसाधन होते हैं जो किसी व्यवसाय के पास होते हैं और जिनसे भविष्य में आर्थिक लाभ प्राप्त होने की संभावना होती है। उदाहरण:
1. स्थिर सम्पत्ति (Fixed Assets): भूमि, भवन, मशीनरी।
2. वर्तमान सम्पत्ति (Current Assets): नकदी, देय खातें (Accounts Receivable), स्टॉक।
**दायित्व (Liabilities):**
दायित्व वे वित्तीय देनदारियाँ होती हैं जिन्हें व्यवसाय को भविष्य में चुकाना होता है। उदाहरण:
1. दीर्घकालिक दायित्व (Long-term Liabilities): बांड, दीर्घकालिक ऋण।
2. अल्पकालिक दायित्व (Current Liabilities): देय खातें (Accounts Payable), अल्पकालिक ऋण।
8.- लेखांकन के दो आंतरिक एवं दो बाहरी उपभोगकर्ता के नाम बताइए तथा लेखांकन सुचना के बाहरी उपयोगकर्ता कौन है बताइए ? Name two internal and two external users of accounting and also who are the external users of accounting information?
उत्तर-
लेखांकन के आंतरिक और बाहरी उपभोगकर्ता
आंतरिक उपभोगकर्ता (Internal Users):
1. प्रबंधन (Management): व्यवसाय की योजना बनाने, नियंत्रण करने और निर्णय लेने के लिए।
2. कर्मचारी (Employees): कंपनी की वित्तीय स्थिरता और नौकरी सुरक्षा के लिए।
बाहरी उपभोगकर्ता (External Users):
1. निवेशक (Investors): निवेश निर्णय लेने के लिए।
2. क्रेडिटर (Creditors): ऋण देने का निर्णय लेने के लिए।
लेखांकन सूचना के बाहरी उपयोगकर्ता:
1. सरकार (Government): कराधान और नियामक अनुपालन के लिए।
2. ग्राहक (Customers): व्यवसाय की स्थिरता और सेवा निरंतरता की जानकारी के लिए।
9.- पूंजीगत व्ययों से क्या आशय है ? पूंजीगत प्राप्ति के स्त्रोत बताइए और पूँजीगत्त व्यव के उदाहरण बताइए ? What is meant by capital expenditure? Explain the sources of capital receipts and give examples of capital expenditure?
उत्तर-
जीगत व्यय का आशय:
पूंजीगत व्यय वे खर्च होते हैं जो किसी संपत्ति के अधिग्रहण, सुधार या उन्नयन पर किए जाते हैं, जो दीर्घकालिक लाभ प्रदान करते हैं।
पूंजीगत प्राप्ति के स्त्रोत:
1. इक्विटी फंडिंग (Equity Funding): शेयर जारी करना।
2. ऋण (Debt): बैंकों से ऋण लेना।
3. अंतर्राष्ट्रीय निवेश (Foreign Investment):विदेशी निवेशकों से पूंजी प्राप्त करना।
पूंजीगत व्यय के उदाहरण:
1. नई मशीनरी की खरीद।
2. भवन का निर्माण।
3. लंबी अवधि के लिए सॉफ्टवेयर का लाइसेंस।
10.- नकद छूट क्यों दी जाती है ? Why is cash discount given?
उत्तर-
नकद छूट क्यों दी जाती है:**
नकद छूट वह रियायत है जो विक्रेता द्वारा ग्राहक को समय पर भुगतान करने के लिए दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य है:
1. शीघ्र भुगतान प्राप्त करना: जल्दी नकदी प्रवाह सुनिश्चित करना।
2. बकाया राशि कम करना: देय खातों की शीघ्र वसूली।
3. ग्राहक को प्रोत्साहन देना: ग्राहकों को समय पर भुगतान करने के लिए प्रेरित करना।
नकद छूट का प्रभाव:
यह व्यवसाय की नकदी प्रवाह को बढ़ाता है और बकाया खातों के जोखिम को कम करता है। इससे विक्रेता की वित्तीय स्थिति मजबूत होती है और क्रेडिट नियंत्रण में सुधार होता है।
11.- सम्पति के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से है समझाइए, तथा चालू सम्पति और गैर-चालू सम्पति क्या है बताइए ? Explain the different types of assets and what are current assets and non-current assets?
उत्तर-
सम्पत्ति को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. वर्तमान सम्पत्ति (Current Assets): वे सम्पत्तियाँ जिन्हें एक वर्ष के भीतर नकदी में बदला जा सकता है। उदाहरण:
– नकद (Cash): तात्कालिक रूप से उपलब्ध नकदी।
– देय खातें (Accounts Receivable): ग्राहकों से प्राप्त करने योग्य राशि।
– माल स्टॉक (Inventory): बिक्री के लिए रखे गए उत्पाद।
2. **गैर-चालू सम्पत्ति (Non-Current Assets):** वे सम्पत्तियाँ जो एक वर्ष से अधिक समय तक उपयोग में रहती हैं। उदाहरण:
– स्थिर सम्पत्ति (Fixed Assets): भूमि, भवन, मशीनरी।
– अमूर्त सम्पत्ति (Intangible Assets): पेटेंट, ट्रेडमार्क।
– दीर्घकालिक निवेश (Long-term Investments): लंबी अवधि के वित्तीय निवेश।
3. वित्तीय सम्पत्ति (Financial Assets):** ये सम्पत्तियाँ वित्तीय साधनों पर आधारित होती हैं। उदाहरण:
– शेयर (Shares): कंपनियों में हिस्सेदारी।
– बांड (Bonds): ऋण साधन।
4. भौतिक सम्पत्ति (Physical Assets):** ये ठोस रूप में होती हैं। उदाहरण:
– **संपत्ति (Property):** भूमि और भवन।
– **मशीनरी (Machinery):** उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें।
चालू सम्पत्ति (Current Assets) और गैर-चालू सम्पत्ति (Non-Current Assets)
चालू सम्पत्ति (Current Assets):
चालू सम्पत्तियाँ वे सम्पत्तियाँ होती हैं जिन्हें एक वर्ष के भीतर नकदी में बदला जा सकता है। इनका उपयोग दैनिक परिचालन गतिविधियों में होता है। उदाहरण:
– नकद (Cash)
– देय खातें (Accounts Receivable)
– माल स्टॉक (Inventory)
– पूर्व भुगतान (Prepaid Expenses)
**गैर-चालू सम्पत्ति (Non-Current Assets):**
गैर-चालू सम्पत्तियाँ वे सम्पत्तियाँ होती हैं जो एक वर्ष से अधिक समय तक उपयोग में रहती हैं और दीर्घकालिक निवेश के रूप में मानी जाती हैं। उदाहरण:
– स्थिर सम्पत्ति (Fixed Assets): भूमि, भवन, मशीनरी।
– अमूर्त सम्पत्ति (Intangible Assets): पेटेंट, ट्रेडमार्क।
– दीर्घकालिक निवेश (Long-term Investments): बांड, शेयर।
12.- वित्तीय विवरण क्या है ? What are financial statements?
उत्तर-
वित्तीय विवरण क्या है:**
वित्तीय विवरण वे संरचित रिकॉर्ड होते हैं जो किसी व्यवसाय की वित्तीय गतिविधियों और स्थिति को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करते हैं। मुख्य वित्तीय विवरणों में शामिल हैं:
1. आय विवरण (Income Statement): यह व्यवसाय की आय और व्यय को दिखाता है और अंततः शुद्ध लाभ या हानि को प्रदर्शित करता है।
2. वित्तीय स्थिति विवरण (Balance Sheet): यह किसी विशिष्ट समय पर व्यवसाय की सम्पत्तियों, दायित्वों और इक्विटी की स्थिति को प्रदर्शित करता है।
3. नकदी प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement): यह नकदी के इनफ्लो और आउटफ्लो को दिखाता है, जिससे नकदी प्रवाह की स्थिति का पता चलता है।
4. इक्विटी विवरण (Statement of Equity): यह इक्विटी में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है।
13.- आयगत व्यव क्या होते है, आय एवं व्यय को समझाइए ? What are revenue expenditures, explain income and expenditure?
उत्तर-
आयगत व्यय:
आयगत व्यय वे खर्च होते हैं जो व्यवसाय की नियमित गतिविधियों को चलाने के लिए होते हैं और जिनका लाभ केवल चालू अवधि तक ही सीमित होता है। इनमें शामिल हैं:
– वेतन (Salaries): कर्मचारियों के वेतन।
– भाड़ा (Rent): कार्यालय या दुकान के किराए का भुगतान।
– विज्ञापन खर्च (Advertising Expenses): मार्केटिंग और प्रचार-प्रसार के लिए खर्च।
– सामग्री लागत (Material Costs): उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली कच्ची सामग्री की लागत।
आय (Income):
आय वह धनराशि है जो व्यवसाय अपनी सेवाओं या उत्पादों को बेचने से कमाता है। आय के मुख्य स्रोत हैं:
– विक्रय (Sales): उत्पादों या सेवाओं की बिक्री से प्राप्त राशि।
– ब्याज आय (Interest Income): निवेशों पर प्राप्त ब्याज।
– भाड़ा आय (Rental Income): संपत्ति किराए पर देने से प्राप्त आय।
व्यय (Expenditure):
व्यय वह धनराशि है जो व्यवसाय अपनी गतिविधियों को चलाने के लिए खर्च करता है। इसमें शामिल हैं:
– ऑपरेटिंग खर्च (Operating Expenses): सामान्य संचालन खर्च, जैसे कि बिजली, पानी, वेतन।
– वित्तीय खर्च (Financial Expenses): ब्याज भुगतान और ऋण की अदायगी।
– प्रशासनिक खर्च (Administrative Expenses):कार्यालय प्रशासन से संबंधित खर्च।
14.- लेखांकन से व्यापारियों को क्या लाभ होता है तथा लेखांकन की दो सीमाओं का वर्णन कीजिए ? What benefits do businessmen get from accounting and describe two limitations of accounting?
उत्तर-
लेखांकन से व्यापारियों को लाभ:**
1. वित्तीय नियंत्रण: लेखांकन व्यवसाय के वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड रखता है जिससे खर्चों और आय पर नियंत्रण रखना आसान होता है।
2. निवेश निर्णय: लेखांकन रिपोर्ट्स निवेशकों को व्यवसाय की आर्थिक स्थिति का सही आकलन करने में मदद करती हैं।
3. कानूनी अनुपालन: लेखांकन से कानूनी और कर संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करना आसान हो जाता है।
4. प्रदर्शन मूल्यांकन: यह व्यवसाय के प्रदर्शन को मापने और मूल्यांकन करने का आधार प्रदान करता है।
5. योजना और बजट: लेखांकन डेटा के आधार पर व्यवसाय की भविष्य की योजना और बजट बनाना आसान होता है।
लेखांकन की सीमाएँ:
1. मूल्य आधारित सीमाएँ (Value-Based Limitations): लेखांकन मुख्यतः ऐतिहासिक लागत पर आधारित होता है, जो कि मुद्रास्फीति और बाजार मूल्य परिवर्तनों को प्रतिबिंबित नहीं करता।
2. व्याख्या की सीमाएँ (Interpretation Limitations):** वित्तीय विवरणों की व्याख्या करने में मानवीय त्रुटियाँ और पूर्वाग्रह हो सकते हैं, जिससे निष्कर्ष गलत हो सकते हैं।
संक्षेप में:
– सम्पत्ति के विभिन्न प्रकार में वर्तमान सम्पत्ति और गैर-चालू सम्पत्ति शामिल होती हैं।
– वित्तीय विवरण व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और प्रदर्शन को प्रदर्शित करते हैं।
– आयगत व्यय व्यवसाय की नियमित संचालन लागत होती है।
– लेखांकन व्यापारियों को वित्तीय नियंत्रण, निवेश निर्णय, कानूनी अनुपालन, प्रदर्शन मूल्यांकन, और योजना बनाने में मदद करता है, जबकि इसमें मूल्य आधारित और व्याख्या की सीमाएँ होती हैं।
15.- लेखांकन के लाभों तथा सीमाओं का वर्णन कीजिए ? Describe the advantages and limitations of accounting?
उत्तर-
लेखांकन के लाभ:
1. वित्तीय स्थिति का निर्धारण: लेखांकन व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को स्पष्ट करता है।
2. वित्तीय नियंत्रण: लेखांकन से आय और व्यय पर निगरानी रखना आसान होता है।
3. वित्तीय योजना: भविष्य के लिए बजट और वित्तीय योजनाएँ बनाना आसान होता है।
4. कानूनी अनुपालन: लेखांकन से कानूनी और नियामक आवश्यकताओं का पालन होता है।
लेखांकन की सीमाएँ:
1. **मानव त्रुटियाँ:** लेखांकन में मानव त्रुटियाँ और पूर्वाग्रह हो सकते हैं।
2. **मूल्यह्रास का आकलन:** मूल्यह्रास का आकलन करना कठिन हो सकता है और यह सटीक नहीं हो सकता।
16.- निम्नलिखित को समझाइए ?
- डूबत ऋण bad debt
- दिवालिया bankruptcy
उत्तर-
डूबत ऋण (Bad Debt):-
डूबत ऋण वह राशि होती है जो ग्राहक से वसूल नहीं की जा सकती। यह व्यवसाय के लिए हानि का कारण बनती है।
दिवालिया (Bankruptcy):-
दिवालिया वह स्थिति होती है जब कोई व्यक्ति या व्यवसाय अपने दायित्वों का भुगतान करने में असमर्थ हो जाता है और न्यायालय द्वारा उसे दिवालिया घोषित किया जाता है।
17.- स्टॉक से आप क्या समझते है, इसके प्रकारों को बताइए ? What do you understand by stock, tell its types?
उत्तर-
स्टॉक:-
स्टॉक का अर्थ है वह सामग्री या वस्तुएं जो व्यवसाय द्वारा बिक्री के लिए रखी जाती हैं।
स्टॉक के प्रकार:
1. कच्चा माल (Raw Materials):निर्माण के लिए उपयोग होने वाली मूल सामग्री।
2. कार्य प्रगति में (Work in Progress): निर्माण प्रक्रिया में उपयोग की जा रही सामग्री।
3. तैयार माल (Finished Goods):वे उत्पाद जो बिक्री के लिए तैयार हैं।
18.- व्यापारिक बट्टा क्या होता है तथा इसकी जर्नल प्रवष्टि क्यों नहीं की जाती है समझाइए ? What is trade discount and why is it not entered in journal? Explain.
उत्तर-
व्यापारिक बट्टा (Trade Discount):
व्यापारिक बट्टा वह छूट है जो विक्रेता द्वारा ग्राहक को दी जाती है जब वह बड़ी मात्रा में या नियमित रूप से खरीदारी करता है।
जर्नल प्रविष्टि क्यों नहीं की जाती:
व्यापारिक बट्टा बिक्री चालान में सीधे समायोजित किया जाता है और लेखांकन पुस्तकों में इसकी अलग से प्रविष्टि नहीं की जाती है क्योंकि यह लेन-देन का एक भाग है और विक्रय मूल्य को सीधे प्रभावित करता है।
19.- लेखांकन सुचना की गुणवत्ता के निर्धारक तत्वों को समझाइए तथा लेखांकन सूचनाओं के उपयोगकर्ताओं पर नोट लिखिए ? Explain the factors determining the quality of accounting information and write notes on users of accounting information.
उत्तर-
लेखांकन सूचना की गुणवत्ता के निर्धारक तत्व
लेखांकन सूचना की गुणवत्ता का निर्धारण करने वाले मुख्य तत्व निम्नलिखित हैं:
1. विश्वसनीयता (Reliability):
– जानकारी सटीक और सत्य होनी चाहिए।
– इसमें कोई त्रुटि या धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए।
– प्रमाणिक स्रोतों पर आधारित होनी चाहिए।
2. प्रासंगिकता (Relevance):
– जानकारी उपयोगकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी होनी चाहिए।
– निर्णय लेने में सहायक होनी चाहिए।
3. समयबद्धता (Timeliness):
– जानकारी समय पर उपलब्ध होनी चाहिए ताकि उसका प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सके।
4. सुस्पष्टता (Understandability):
– जानकारी स्पष्ट और समझने योग्य होनी चाहिए।
– इसे आसानी से पढ़ा और समझा जा सके।
5. संगति (Consistency):
– जानकारी एक सुसंगत प्रारूप में प्रस्तुत की जानी चाहिए।
– समय के साथ लेखांकन नीतियों और प्रक्रियाओं में स्थिरता होनी चाहिए।
6. सत्यापनता (Verifiability):
– जानकारी को स्वतंत्र रूप से सत्यापित किया जा सके।
– लेखांकन जानकारी का पुनः मूल्यांकन संभव हो।
7. तुलनात्मकता (Comparability):
– विभिन्न समयावधियों या व्यवसायों के बीच तुलना की जा सके।
– समान लेन-देन के लिए एक समान लेखांकन नीतियों का उपयोग किया गया हो।
लेखांकन सूचनाओं के उपयोगकर्ताओं Users of accounting information
लेखांकन सूचनाओं के उपयोगकर्ता दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं:
आंतरिक उपयोगकर्ता (Internal Users):
1. प्रबंधन (Management):
– व्यवसाय की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण और योजना बनाने के लिए।
– निर्णय लेने, बजट निर्धारण और प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए।
2. कर्मचारी (Employees):
– वेतन, बोनस और अन्य लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए।
– कंपनी की वित्तीय स्थिरता और नौकरी की सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए।
बाहरी उपयोगकर्ता (External Users):
1. निवेशक (Investors):
– निवेश संबंधी निर्णय लेने के लिए।
– व्यवसाय की लाभप्रदता और वित्तीय स्थिरता का मूल्यांकन करने के लिए।
2. क्रेडिटर (Creditors):
– व्यवसाय की ऋण चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए।
– ऋण देने संबंधी निर्णय लेने के लिए।
3. सरकार (Government):
– कराधान और नियामक अनुपालन की निगरानी के लिए।
– आर्थिक नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन के लिए।
4. ग्राहक (Customers):
– व्यवसाय की स्थिरता और सेवाओं की निरंतरता का मूल्यांकन करने के लिए।
5. **आडिटर्स (Auditors):**
– लेखांकन जानकारी की सटीकता और वैधता की जाँच करने के लिए।
20.- लेखांकन की सरकार के लिए क्या उपयोगकर्ता क्या है ? What is the user of accounting for the government?
उत्तर-
लेखांकन की सरकार के लिए उपयोगिता
**लेखांकन की सरकार के लिए उपयोगिता:**
1. कराधान (Taxation):
– सरकार को कर निर्धारण और संग्रह में मदद करता है।
– व्यवसायों के वित्तीय रिकॉर्ड से सही कर की गणना की जा सकती है।
2. नियामक अनुपालन (Regulatory Compliance):
– व्यवसायों के लिए नियमों और विनियमों का पालन सुनिश्चित करता है।
– वित्तीय विवरणों की निगरानी और समीक्षा करके अनुशासन बनाए रखता है।
3. आर्थिक नीति निर्माण (Economic Policy Making):
– राष्ट्रीय आय, रोजगार और आर्थिक विकास के लिए सटीक डेटा प्रदान करता है।
– आर्थिक नीतियों और योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन में सहायक होता है।
4. सार्वजनिक जानकारी (Public Information):
– आम जनता को व्यवसायों की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
– पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा देता है।
साझेदार का अवकाश ग्रहण retirement of partner 12th commerce lesson
21.- चालू दायित्व को समझाइए ? Explain current liabilities?
उत्तर-
चालू दायित्व (Current Liabilities)
चालू दायित्व:
चालू दायित्व वे वित्तीय देनदारियाँ होती हैं जिन्हें व्यवसाय को एक वर्ष के भीतर या अपने सामान्य परिचालन चक्र के भीतर चुकाना होता है। इनका उद्देश्य व्यवसाय के चालू संसाधनों या चालू सम्पत्तियों से पूरा करना होता है।
उदाहरण:
1. देय खातें (Accounts Payable): सप्लायर्स को चुकाने वाली राशि।
2. अल्पकालिक ऋण (Short-term Loans): बैंक से लिए गए अल्पकालिक ऋण।
3. वेतन देय (Salaries Payable): कर्मचारियों को वेतन का भुगतान।
4. उधार देय (Notes Payable): उधार पत्र या नोट्स जिनका भुगतान एक वर्ष के भीतर करना है।
5. प्रावधान (Provisions): भविष्य में होने वाले ज्ञात खर्चों के लिए निधि।
चालू दायित्वों की महत्ता:
– व्यवसाय की तरलता स्थिति का संकेत देते हैं।
– व्यवसाय की ऋण चुकाने की अल्पकालिक क्षमता को दर्शाते हैं।
– सही प्रबंधन से व्यवसाय की वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करते हैं।
22.- देनदार तथा लेनदार से क्या आशय है बताइए ? What is meant by debtor and creditor?
उत्तर-
देनदार (Debtor):
देनदार वह व्यक्ति या संस्था होती है जिसने किसी वस्तु या सेवा को उधार पर लिया होता है और उसे भविष्य में भुगतान करना होता है। यह व्यवसाय के लिए एक सम्पत्ति होती है क्योंकि यह राशि व्यवसाय को भविष्य में प्राप्त होगी।
उदाहरण:
– एक ग्राहक जिसने उधार पर माल खरीदा है और जिसका भुगतान बाद में करेगा।
लेनदार (Creditor):
लेनदार वह व्यक्ति या संस्था होती है जिसने व्यवसाय को वस्तुएं, सेवाएं या ऋण उधार दिया होता है और उसे भविष्य में भुगतान प्राप्त करना होता है। यह व्यवसाय के लिए एक दायित्व होती है क्योंकि व्यवसाय को भविष्य में यह राशि चुकानी होती है।
उदाहरण:
– एक सप्लायर जिसने व्यवसाय को माल उधार दिया है और जिसका भुगतान बाद में किया जाएगा।
23.- मूर्त व अमूर्त सम्पति में भेद बताइए ? What is the difference between tangible and intangible assets?
उत्तर-
मूर्त व अमूर्त सम्पति में भेद
मूर्त सम्पत्ति (Tangible Assets):
मूर्त सम्पत्तियाँ वे सम्पत्तियाँ होती हैं जो भौतिक रूप में मौजूद होती हैं और उन्हें छुआ जा सकता है। इनका उपयोग व्यवसाय के संचालन में किया जाता है।
उदाहरण:
– भूमि (Land)
– भवन (Buildings)
– मशीनरी (Machinery)
– फर्नीचर (Furniture)
अमूर्त सम्पत्ति (Intangible Assets):
अमूर्त सम्पत्तियाँ वे सम्पत्तियाँ होती हैं जिनका भौतिक रूप नहीं होता है, लेकिन उनका व्यवसाय के लिए आर्थिक मूल्य होता है। इन्हें छुआ नहीं जा सकता।
उदाहरण:
– पेटेंट (Patents)
– ट्रेडमार्क (Trademarks)
– गुडविल (Goodwill)
– कॉपीराइट (Copyrights)
24.- लेखांकन सुचना के आंतरिक एवं बाहरी उपयोगकर्ता कौन है बताइए ? Who are the internal and external users of accounting information?
उत्तर- प्रश्न क्रमांक – 19 का उत्तर देखें
25.- लेखांकन की शाखाओं का वर्णन कीजिए तथा इसके चरण की व्याख्या करके समझाइए ?
उत्तर-
लेखांकन की शाखाएँ:
1. वित्तीय लेखांकन (Financial Accounting):
– यह व्यवसाय की वित्तीय जानकारी को रिकॉर्ड, सारांश और रिपोर्ट करता है।
– मुख्य रूप से बाहरी उपयोगकर्ताओं के लिए वित्तीय विवरण तैयार करता है।
2. प्रबंधन लेखांकन (Management Accounting):
– आंतरिक प्रबंधन के लिए वित्तीय जानकारी प्रदान करता है।
– योजना, नियंत्रण और निर्णय लेने में मदद करता है।
3. लागत लेखांकन (Cost Accounting):
– उत्पाद या सेवा की उत्पादन लागत को निर्धारित करता है।
– लागत नियंत्रण और लागत कटौती में मदद करता है।
4. अंकेक्षण (Auditing):
– वित्तीय विवरणों की सटीकता और वैधता की जाँच करता है।
– आंतरिक और बाहरी अंकेक्षण शामिल है।
5. कर लेखांकन (Tax Accounting):
– कर नियोजन, कर रिटर्न तैयार करना और कर अनुपालन सुनिश्चित करना।
लेखांकन के चरण (Accounting Cycle):
1. लेन-देन की पहचान (Identification of Transactions):
– वित्तीय लेन-देन की पहचान और उनकी प्रासंगिकता का निर्धारण।
2. लेन-देन का रिकॉर्डिंग (Recording of Transactions):
– लेन-देन को जर्नल में रिकॉर्ड करना, जिसे मूल प्रविष्टि किताब (Journal) कहा जाता है।
3. पोस्टिंग (Posting):
– जर्नल प्रविष्टियों को खातों में पोस्ट करना, जिसे लेजर (Ledger) कहा जाता है।
4. तलपट (Trial Balance):
– लेजर खातों का संतुलन निकालना और परीक्षण करना।
5. समायोजन प्रविष्टियाँ (Adjusting Entries):
– समायोजन प्रविष्टियाँ करना ताकि लेखांकन अवधि के अंत में सटीकता बनी रहे।
6. वित्तीय विवरण तैयार करना (Preparation of Financial Statements):
– आय विवरण, वित्तीय स्थिति विवरण, नकदी प्रवाह विवरण आदि तैयार करना।
7. बंद करने की प्रविष्टियाँ (Closing Entries):
– अस्थायी खातों को बंद करना और स्थायी खातों में उनका हस्तांतरण करना।
8. अजमाईश बैलेंस का बाद समायोजन (Post-Closing Trial Balance):
– समायोजित बैलेंस को जाँचना ताकि सभी खातें ठीक से बंद हो गए हों।
9. समीक्षा और विश्लेषण (Review and Analysis):
– वित्तीय विवरणों की समीक्षा और विश्लेषण करना ताकि व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और प्रदर्शन को समझा जा सके।
संक्षेप में:
लेखांकन की शाखाएँ वित्तीय, प्रबंधन, लागत, अंकेक्षण और कर लेखांकन हैं। लेखांकन चक्र लेन-देन की पहचान, रिकॉर्डिंग, पोस्टिंग, अजमाईश बैलेंस, समायोजन, वित्तीय विवरण तैयार करना, बंद करने की प्रविष्टियाँ और समीक्षा व विश्लेषण शामिल करता है।
26.- लेखांकन व बहीखाता में अंतर स्पष्ट करते हुए लेखांकन की सीमाए बताइए / Explain the differences between accounting and bookkeeping and state the limitations of accounting.
उत्तर-
लेखांकन (Accounting):
लेखांकन वित्तीय लेन-देन की पहचान, रिकॉर्डिंग, वर्गीकरण, सारांशण, और विश्लेषण की व्यापक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को स्पष्ट करना और निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना है।
बहीखाता (Bookkeeping):
बहीखाता वित्तीय लेन-देन को व्यवस्थित और क्रमबद्ध रूप से रिकॉर्ड करने की एक प्रक्रिया है, जो लेखांकन की आधारभूत क्रियाओं में से एक है।
अंतर:
उद्देश्य:
लेखांकन: वित्तीय स्थिति का विश्लेषण और रिपोर्टिंग।
बहीखाता: लेन-देन का रिकॉर्ड रखना।
प्रकृति:
लेखांकन: विश्लेषणात्मक और व्याख्यात्मक।
बहीखाता: यांत्रिक और रूटीन।
शाखाएँ:
लेखांकन: इसमें वित्तीय लेखांकन, प्रबंधन लेखांकन, कर लेखांकन, अंकेक्षण, और लागत लेखांकन शामिल हैं।
बहीखाता: इसमें कोई विशिष्ट शाखाएँ नहीं होतीं।
प्रक्रिया:
लेखांकन: लेन-देन की रिकॉर्डिंग, वर्गीकरण, सारांशण, विश्लेषण, और रिपोर्टिंग।
बहीखाता: लेन-देन की रिकॉर्डिंग और वर्गीकरण।
निर्णय लेने में भूमिका:
लेखांकन: निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बहीखाता: निर्णय लेने में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं।
शामिल विवरण:
लेखांकन: आय विवरण, बैलेंस शीट, नकदी प्रवाह विवरण आदि।
बहीखाता: जर्नल, लेजर, ट्रायल बैलेंस।
उपयोगकर्ता:
लेखांकन: आंतरिक और बाहरी उपयोगकर्ताओं (जैसे, प्रबंधन, निवेशक, क्रेडिटर) के लिए जानकारी प्रदान करता है।
बहीखाता: मुख्यतः आंतरिक उपयोग के लिए जानकारी प्रदान करता है।
समाप्ति अवधि:
लेखांकन: वित्तीय वर्ष के अंत में वित्तीय विवरण तैयार करना शामिल है।
बहीखाता: रोजमर्रा के लेन-देन की रिकॉर्डिंग पर केंद्रित है।
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