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लोकपाल एवं लोकायुक्त -Lokpal and Lokayukta

लोकपाल एवं लोकायुक्त -Lokpal and Lokayukta

लोकपाल एवं लोकायुक्त -Lokpal and Lokayukta

निचले स्तर से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक और सेना से लेकर न्यायपालिका जैसी पवित्र मने जाने वाली संस्थाए बी भ्रष्टाचार के चपेट में है । लोकपाल का जो स्वरूप सामने आया है, उसमे पहले से कई अधिक कड़ाई और पारदर्शिता देखने को मिली है । लेकिन इसमें गलत शिकायत पाए जाने पर सजा और अर्थदंड का जो प्रावधान किया गया है । उसे लेकर आम आदमी पार्टी की चिंता सही प्रतीत होती है । जहा तक केंद्रीय जांच ब्यूरो की स्वंत्रता की बात है, तो सर्वोच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पड़ी के बाद ही उसे सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की सार्थक पहल हो चुकी है । इसके अतिरिक्त लोकपाल के सामने आने वाले मामलों को यदि समय से नहीं निस्तारण किया गया, तब तो स्थिति हमारी अदालतों जैसी हो जाएगी, जहा आज तीन करोड़ से अधिक मामले लंबित है । सुशासन की दिशा में लोकपाल एक महत्वपूर्ण क़दम है , मगर जब तक इसके दायरे में निजी क्षेत्र को शामिल नहीं किया जाएगा, भ्रष्टाचार पर प्रभावी तरीके से अंकुश नहीं लगाया जा सकेगा । आम लोगो को इस कानून का व्यापक लाभ पहुंचे, इसके लिए संसद में लंबित दो विधेयक सिटीजन चार्टर तथा हिंसल ब्लोअर बिल को शीघ्र पारित करना होगा । साथ ही जिन राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति नहीं हुई है, उन्हें भी करनी होगी । लोकपाल में इसके लिए एक वर्ष की समय सीमा रखी गई है ।

लोकपाल का स्वरूप – Nature of Lokpal

कौन होगा लोकपाल में ? Who will be in Lokpal?

  • लोकपाल का एक अध्यक्ष होगा जो या तो भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या फिर सर्वोच्च न्यायलय के सेवानिवृत न्यायाधीश या फिर कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति हो सकते है ।
  • लोकपाल में अधिकतम आठ सदस्य हो सकते है, जिनमे से आधे न्यायिक पृष्टभूमि से होने चाहिए ।
  • इसके अतिरिक्त कम – से – कम आधे सदस्य अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाती, अल्पसंख्यों और महिलाओ में से होने चाहिए ।

कौन नहीं हो सकता ? who can’t बे lokpal

  • संसद सदस्य या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा का सदस्य ।
  • ऐसा व्यक्ति जिसे किसी प्रकार के नैतिक भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया हो ।
  • ऐसी व्यक्ति जिसकी आयु अध्यक्ष व सदस्य का पद ग्रहण करने तक 45 वर्ष न हुई हो ।
  • किसी पंचायत या निगम का सदस्य ।
  • ऐसा व्यक्ति जिसे राज्य या केंद्र सरकार की नौकरी से निलंबित व हटाया गया हो ।

चयन समति – selection committee lokpal 

  • प्रधान मंत्री – अध्यक्ष
  • लोकसभा के अध्यक्ष – सदस्य
  • लोकसभा में विपक्ष के नेता – सदस्य
  • मुख्य न्यायाधीश या उनकी अनुसंशा पर नामित सर्वोच्च न्यायालय के एक जज – सदस्य
  • राष्टपति द्वारा नामित कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति – सदस्य
  • अध्यक्ष या किसी सदस्य की नियुक्ति इसलिए अवैध नहीं होंगी क्योकि चयन समिति मी कोई पद रिक्त था ।

लोकपाल पदमुक्ति क पश्चात्  – Lokpal after resignation

  • लोकपाल कार्यालय में नियुक्ति समाप्त होने के बाद अध्यक्ष और सदस्यों पर कुछ काम करने के लिए प्रतिबन्ध लगजाता है ।
  • इनकी अध्यक्ष या सदस्य के रूप में पुनर्निर्युक्ति नहीं हो सकती ।
  • पद छोड़ने के पांच वर्ष बाद तक ये राष्टपति, उपराष्टपति, संसद के किसी सदन, किसी राज्य विधानसभा या निगम या पंचायत के रूप में चुनाव नहीं लड़ सकते ।

लोकपाल जाँच शाखा – Lokpal Investigation Branch

  • अगर कोई जाँच कमेटी उपस्थित नहीं है तो भ्रष्टाचार के आरोपी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ प्राम्भिक जाँच के लिए लोकपाल एवं जाँच शाखा का गतां कर सकता है । जिसका नेतृत्व एक निदेशक करेगा ।
  • लोकपाल द्वारा गठित ऐसी जाँच शाखा के लिए केंद्र सरकार अपने मंत्रायलय या विभाग से उतने अधिकारी और कर्मचारी उपलब्ध करवाएगी जितनी प्राथमिक जाँच के लिए लोकपाल को आवश्यकता होगी ।

लोकपाल अभियोजन शाखा – Lokpal Prosecution Branch

  • किसी सरकारी कर्मचारी पर लोकपाल की शिकायत की पैरवी के लिए लोकपाल एक अभियोजन शाखा का गठन करेगा जिसका नेतृत्व एक निदेशक करेगा ।
  • लोकपाल द्वारा गठित ऐसी अभियोजन शाखा के लिए केंद्र सरकार अपने मंत्रालय या विभाग से उतने अधिकारी और कर्मचारी उपलब्ध करवाएगी जितनी प्राथमिक जाँच के लिए जरुरत होगी ।

लोकपाल के अधिकार क्षेत्र – Jurisdiction of Lokpal

  •  लोकपाल के क्षेत्रधिकार में प्रधानमंत्री, मंत्री, संसद सदस्य और केंद्र सरकार के समूह ए, बी, सी और दी के अधिकारी और कर्मचारी आएगे ।

लोकपाल के अधिकार – Jurisdiction of Lokpal

  • तलाशी और जब्तीकरण
  • कुछ मामलों में लोकपाल के पास दीवानी न्यायालय के अधिकार भी होंगे ।
  • सम्पति को अस्थाई तौर पर नत्थी ( अटैच ) का अधिकार ।
  • अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने का अधिकार ।
  • विशेष अदालतों को मामला दायर होने के एक वर्ष के अंदर उसकी सुनवाई पूरी करना सुनिश्चित करना होगा ।
  • भ्रष्टाचार के आरोप वाले सरकारी कर्मचारी के स्थानांतरण या निलंबन की सिफारिश करने का अधिकार ।
  • लोकपाल के पास केंद्र  या राज्य सरकार के अधिकारियों की सेवा का प्रयोग करने का अधिकार होगा ।
  • केंद्र सरकार को भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई के लिए उतनी विशेष अदालतों गठन करना होगा जितनी लोकपाल बताए ।

लोकायुक्त का स्वरूप -Nature of Lokayukta

लोकायुक्त ( राज्यों में )

  • लोकायुक्त का एक अध्यक्ष होगा जो राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या फिर उच्च न्यायालय की सेवानिवृत न्यायाधीश या फिर कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति हो सकता है ।
  • लोकायुक्त में अधिकतम आठ सदस्य हो सकते है, जिनमे से आधे न्यायिक पृष्टभूमि से होने चाहिए ।
  • इसके अतिरिक्त कम – से – कम आधे सदस्य अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाती, अल्पसंख्यों आओर महिलाओं में से होने चाहिए ।

( किसी व्यक्ति की लोकायुक्त में नियुक्ति के लिए शर्ते ) Conditions for appointment of a person to Lokayukta

  • न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्ति हो सकती है अगर वह व्यक्ति उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हो या रह चुके हो ।
  • न्यायिक सदस्य के अलावा सदस्य बनने के लिए पूरी तरह ईमानदार, भ्रष्ष्टाचार निरोधी नीति, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, सतकर्ता, बीमा, बैंकिंग, क़ानून और प्रबंध के मामलों में कम-से-कम 25 वर्ष का विशेष ज्ञान और विशेज्ञता हो ।

लोकपाल कौन नहीं हो सकता ? Who cannot be Lokpal?

  • संसद सदस्य या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा का सदस्य ।
  • ऐसा व्यक्ति जिसे किसी प्रकार के नैतिक भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया हो ।
  • ऐसा व्ययक्ति जिसकी उम्र अध्यक्ष या सदस्य का पद ग्रहण करने तक 45 वर्ष न हुई हो ।
  • किसी राजनीतिक दल से सम्बन्ध हो, व्यापार करता हो, पेशेवर के रूप में सक्रिय हो ।
  • ऐसा व्यक्ति जिसे राज्य व् केंद्र सरकार की नौकरी निलंबित या हटाया गया हो ।
  • किसी पंचायत या निगम का सदस्य ।

लोकपाल की नियुक्ति -appointment of ombudsman

  • मुख्य मंत्री – अध्यक्ष ।
  • विधानसभा अध्यक्ष – सदस्य ।
  • विधानसभा में विपक्ष के नेता – सदस्य ।
  • राजपाल द्वारा नामित कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति – सदस्य ।
  • अध्यक्ष या किसी सदस्य की नियुक्ति इसलिए अवैध नहीं होगी क्योकि चयन समिति में कोई पद रिक्त था ।
  • उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या उनकी अनुशंसा पर नामित उच्च न्यायालय के एक जज – सदस्य ।

लोकायुक्त के अधिकार -powers of lokayukta

  • लोकायुक्त के पास किसी मामले  में जाँच एजेंसी के निरीक्षण करने और उसे निर्देश देने का अधिकार है ।
  • अगर लोकायुक्त को लगता है की कोई दस्तावेज काम का हो सकता है या किसी जाँच से सम्बंधित हो सकता है तो वह किसी भी जाँच एजेंसी को आदेश दे सकता है की वह उस स्थान की तलाशी ले और उस दस्तावेज को जब्त कर ले ।

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