×

मध्य प्रदेश राष्टीय सम्मान -Madhya Pradesh National Award

मध्य प्रदेश राष्टीय सम्मान -Madhya Pradesh National Award

मध्य प्रदेश राष्टीय सम्मान -Madhya Pradesh National Award

भारत के हृदय मध्य प्रदेश में एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है जो सदियों तक फैली हुई है। अपनी जीवंत लोक परंपराओं से लेकर साहित्य, संगीत और कला में योगदान तक, राज्य हमेशा विविध प्रतिभाओं और रचनात्मक अभिव्यक्तियों का मिश्रण रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान की मान्यता में, मध्य प्रदेश सरकार ने प्रतिष्ठितमध्य प्रदेश राष्टीय सम्मान -Madhya Pradesh National Award मध्य प्रदेश राष्ट्रीय पुरस्कारों की स्थापना की है।

पुरस्कारों का अवलोकन:

मध्य प्रदेश राष्ट्रीय पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थानों को दिए जाने वाले सम्मानों का एक समूह है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ये पुरस्कार साहित्य, संगीत, कला, लोक संस्कृति और बहुत कुछ सहित कई श्रेणियों को कवर करते हैं। प्रत्येक पुरस्कार न केवल मान्यता का प्रतीक है बल्कि प्राप्तकर्ता के लिए गर्व और सम्मान की भावना भी रखता है।

मध्य प्रदेश राष्टीय सम्मान -Madhya Pradesh National Award –

कालीदास सम्मान – Kalidas Samman

तानसेन सम्मान – tansen honor

तुलसी सम्मान -Tulsi Samman

लता मंगेश्वर सम्मान -Lata Mangeshwar Samman

 इकबांल – ikbal

राष्टीय कबीर सम्मान -National Kabir Award

राष्टीय मैथलीशरण गुप्त सामान – National Maithili Sharan Gupta Award

 

 

कालीदास सम्मान – Kalidas Samman

  • यह पुरस्कार वर्ष वर्ष 1980 – 81 में शुरू किया गया । यह सम्मान शास्त्रीय संगीत, नृत्य – नाटक रंगकर्म और रूपंकर कला के क्षेत्र के लिए  प्रदान किया जाता है । शुरुआत में यह सम्मान सबको बारी – बारी दिया जाते थे । 1986-87 से उक्त चारों कला क्षेत्रों में अलग – अलग सम्मान दिए जाने लगे ।
  • इस सम्मान के तहत 2 लाख और – प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है ।
  • शास्त्रीय संगीत में 1980 – 81 में पहली बार यह सम्मान पडित सेमनगुड़ी, श्रीनिवास अय्यर को दिया गया ।
  • राष्टीय कालिदास सम्मान ( रंगकर्म )  से विभूषित प्रथम व्यक्ति श्री शम्भू मित्र थे । 2017 – 18 में श्री रामगोपाल बजाज, लोनावाला, पुणे को यह सम्मान प्रदान किया गया है ।

कालिदास सम्मान वास्तव में कला और साहित्य के क्षेत्र में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इसका नाम प्रसिद्ध शास्त्रीय संस्कृत कवि कालिदास के नाम पर रखा गया है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने साहित्य, संगीत, नृत्य, थिएटर और दृश्य कला सहित कला के विभिन्न रूपों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1980 में स्थापित, कालिदास सम्मान में नकद पुरस्कार के साथ एक प्रशस्ति पत्र और एक शॉल दिया जाता है। यह भारत में उल्लेखनीय सांस्कृतिक सम्मानों में से एक है, जो कला में उत्कृष्टता और नवीनता को मान्यता देता है।

तानसेन सम्मान – tansen honor

  • हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन तथा सृजनात्मक कार्यों की सम्मनित करने हेतु वर्ष 1980 में इस पुरस्कार की शुरआत की गई ।
  • वर्ष 2017 में पंडित उल्हास कशालकर को इस सम्मान से नवाजा गया ।
  • सर्वप्रथम सम्मान 1980 पं. कृष्णराव शंकर पंडित को दिया गया ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत 2 लाख तथा प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती है ।

तानसेन सम्मान, जिसे तानसेन पुरस्कार के रूप में भी जाना जाता है, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक और प्रतिष्ठित सम्मान है। प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन, जो सम्राट अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे, के नाम पर रखा गया यह पुरस्कार शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में असाधारण योगदान को मान्यता देता है। 1980 में स्थापित, तानसेन सम्मान प्रतिवर्ष उत्कृष्ट शास्त्रीय संगीतकारों, गायकों, वाद्ययंत्रवादियों और संगीतज्ञों को दिया जाता है। इस पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं को भारतीय शास्त्रीय संगीत के संरक्षण और प्रचार में उनके समर्पण और निपुणता के लिए सराहना के प्रतीक के रूप में नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र और अक्सर एक स्मृति चिन्ह या शॉल मिलता है।

तुलसी सम्मान -Tulsi Samman

  • मध्यप्रदेश शासन में आदिवासी, लोक कला और पारम्परिक कलाओ से उत्कृष्ट और श्रेष्ट उपलब्धि को सम्मानित करने की दृष्टि से यह पुरस्कार स्थपित किया है । इस सम्मान की स्थापना 1983 – 84 में की गई ।
  • इस सम्मान से प्रथम बार हीरजी केशव एवं पं. गिरजा प्रसाद को नवाजा गया ।
  • वर्ष 2016 में यह सम्मान श्री भीखूदान गड़वी, गुहरात ( लोकगायक ) को प्रदान किया गया ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत 2 लाख तथा प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती है ।
  • यह सम्मान तीन वर्ष में दो बार प्रदर्शन करि कलाओ और एक बार रूपकार कलाओ के क्षेत्र में दिया जाता है ।

मध्यप्रदेश शासन ने आदिवासी, लोक कला और पारंपरिक कलाओं को सम्मानित करने के लिए “तुलसी पुरस्कार” की स्थापना की है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को प्रदान किया जाता है जो आदिवासी और स्थानीय कलाओं को बचाने, प्रोत्साहित करने और प्रसारित करने में अपना योगदान देते हैं। इस पुरस्कार के माध्यम से, उन्हें सम्मानित किया जाता है और उनकी प्रशंसा की जाती है जो भारतीय संस्कृति और तस्वीर में गहरे निष्ठा और प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं।

 

लता मंगेश्वर सम्मान -Lata Mangeshwar Samman

  • सुगम संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए यह सम्मान नवम्बर 1984 में शुरू किया गया । यह सम्मान बारी – बारी से संगीत रचना और गायन के लिए दिया जाता है ।
  • किसी भी भाषा के गायक, वादक और संगीतकार को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत 2 लाख तथा प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती है ।
  • सर्वप्रथम 1984 – 85 में इस सम्मान से नौशाद को नवाजा गया ।
  • वर्ष 2016 – 17 का लता मंगेश्वर सम्मान अनु मलिक ( संगीतकार ) को दिया गया है ।
  • यह सम्मान केवल सृजनात्मक कार्य्य के लिए दिया जाता है, शोध तत्व  अकादमिक कार्य के लिए नहीं । सम्मान के लिए चुने जाने के समय कलाकार का सृजन – सक्रिय होना आवश्यक है ।

लता मंगेशकर स्वयं भारतीय फिल्म उद्योग की एक प्रसिद्ध पार्श्व गायिका हैं, जिन्हें अक्सर उनकी सुरीली आवाज़ और संगीत में व्यापक योगदान के लिए “भारत की कोकिला” कहा जाता है।

मध्यप्रदेश शासन ने “लता मंगेश्वर सम्मान” की स्थापना की है, जो लोक गायिका लता मंगेश्कर को समर्पित है। यह सम्मान उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जो संगीत और कला के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं, खासकर मध्यप्रदेश के लोक संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। यह सम्मान उनकी प्रशंसा और सम्मान के लिए है जो मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करते हैं।

 

 इकबांल – ikbal

  • उर्दू साहित्य में रचनात्मक लेखन के सम्मान के लिए वर्ष 1987-87 में यह सम्मान शुरू किया गया ।
  • इस सम्मान से सर्वप्रथम 1986-87 में अली सरदार हैफ्री को सम्मानित किया गया ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत 2 लाख टाटा प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती है ।
  • 2018 में यह पुरस्कार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रो.  शाफ़े किदवई को प्रदान किया गया था ।
  • यह पुरूस्कार उर्दू के सुप्रसिद्ध कवी अल्लामा इकलाब के नाम पर शुरू किया गया है, जिन्होंने 20 वी शताब्दी में प्राम्भिक चार दशकों में उर्दू कविता को नए आयाम दिए ।

यह पुरस्कार मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जो मध्य प्रदेश के कला और साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं। यह सम्मान उन्हें मिलता है जो साहित्य, संगीत, कला, रंगमंच, चित्रकला, फिल्म, विशेषज्ञता, और अन्य क्षेत्रों में मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देते हैं। यह पुरस्कार मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करता है।

 

राष्टीय कबीर सम्मान -National Kabir Award

  • भारतीय काव्य के क्षेत्र में काव्य प्रतिभा का सम्मान करने की लिए वर्ष 1986-87 में यह सम्मान शुरू किया गया ।
  • इस सम्मान के तहत 3 लाख की राशि और सम्मान पट्टिका भेंट की जाती है ।
  • अब तक कन्नड़, बांग्ला, पंजाबी, हिंदी, मराठी, और गुजरती भाषा के कवियों को यह सम्मान प्रदान किया गया है । प्रथम सम्मान कवी गोपाल कृष्ण अडिग को ( 1986-87 ) ददिया गया ।
  • वर्ष ( 2016-17 ) मर यह पुरस्कार श्री के शिव रेड्डी ( हैदराबाद ) को दिया गया है ।
  • मध्यप्रदेश शासन ने उत्कृष्ट और सृजनात्मक को राष्टीय स्टार पर सम्मानित करने  के लिए भारतीय कविता के क्षेत्र में राष्टीय कबीर ने सदियों पहले कविता के क्षेत्र में राष्टीय कबीर सम्मान का शुभारम्भ किया । महान संत व् कवि कबीर ने सदियों पहले कविता को नया रूप और नई निभीर्कता दी थी ।

राष्ट्रीय कबीर सम्मान भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। यह सम्मान कबीर दास के योगदान और उनकी विचारधारा को समर्पित है। इस सम्मान के माध्यम से, वे व्यक्ति या संस्था सम्मानित किये जाते हैं जो कबीर दास के ग्रंथों, दर्शन, और उनकी संदेश के प्रसार में अत्यधिक योगदान किये हों। यह पुरस्कार कबीर के संदेश को आधुनिक जीवन में ले जाने और उनकी विचारधारा को संजीवनी देने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करता है।

 

राष्टीय मैथलीशरण गुप्त सामान – National Maithili Sharan Gupta Award

  • हिंदी साहित्त्य की रचनात्मक संरचना के क्षेत्र में उत्कृष्टता को सम्मानित करने के लिए वर्ष 1987-88 से इस सम्मान को देने की परिपाटी शुरू की गई ।
  • इस सम्मान से सर्वप्रथम शमशेर बहादुर सिंह को ( 1987-88 ) नवाजा गया ।
  • वर्ष 2016-17 में यह सम्मान श्री कमल किशोर गोयनका को दिया गया ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत 2 लाख की राशि तथा प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती है ।
  • यह सम्मान राष्टकवि श्री मैथलीशरण गुप्त की स्मृति में रखा गया है ।

“राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान” भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। यह सम्मान हिंदी साहित्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले लेखकों को समर्पित है, जो उत्कृष्ट कविता, कवियों का संपादन, या हिंदी साहित्य के किसी अन्य क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है। इस सम्मान का उद्देश्य हिंदी साहित्य को बढ़ावा देना और उत्कृष्ट कविता की रचनाकर्ताओं को प्रोत्साहित करना है।

कुमार गंधर्व सम्मान –

  • संगीत के क्षेत्र में युवाओ के बीच रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 1992-93 में कुमार गंधर्व सम्मान शुरू किया गया है ।
  • सर्वप्रथम यह सम्मान अजय चक्रवर्ती को 1992-93 में दिया गया ।
  • 2018 में यह सम्मान सितार वादक नीलाद्रि कुमार को दिया गया ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत रु 1.25 लाख तथा प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है ।

महात्मा गाँधी सम्मान –

  • राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 125वे जन्म वर्ष की पावन स्मृति में गाँधी विचार दर्शन के अनुरूप समाज में रचनातमक पहल, सांप्रदायिक  सदभाव एवं सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने महात्मा गाँधी के नाम पर इस क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा राष्टीय सम्मान वर्ष 1995 में स्थापित किया है । इसे सर्वप्रथम कस्तूरबा गाँधी राष्टीय स्मारक ट्रस्ट इंदौर ( मध्य प्रदेश ) को वर्ष 1995-96me दिया गया ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत रु 10 लाख की राशि दी जाती है ।

देवी अहिल्याबाई सम्मान –

  • वर्ष 1996-97 में शुरू किया गया देवी अहिल्याबाई सम्मान, आदिवासी, लोक कला, और पारंपरिक कला में उत्कृष्टता के लिए केवल महिला कलाकारों को प्रदान किया जाता है ।
  • यह सम्मान इंदौर की शासिका देवी अहिल्याबाई होल्कर के सम्मान में दिया जाता है ।
  • सर्वप्रथम यह सम्मान 1996-97 में तीजन बाई को दिया गया था ।
  • यह सम्मान वर्ष 2016-17 में श्रीमती बसंती देवी बिष्ट ( लोकगायिका ) को प्रदान किया ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत रु 2 लाख तथा प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती है ।

किशोर कुमार सम्मान –

  • यह पुरस्कार वर्ष 1997-98 में शुरू किया गया । हर वर्ष फिल्म निर्देश, अभिनय पटकथा, लेखन और गीत लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए यह  पुरस्कार प्रस्तुत किया जाता है ।
  • इस सम्मान के अंतर्गत रु 2 लाख तथा सम्मान पट्टिका भेंट की जाती है ।
  • सर्वप्रथम यह पुरस्कार निर्देशन के क्षेत्र में श्री ऋषिकेश मुखर्जी को वर्ष 1997-98 में दिया गया ।
  • वर्ष 2016-17 में श्री योगेश, ( गीत लेखन ) को प्रदान किया गया ।

 

 

 

 

 

Post Comment

You May Have Missed