नोटा क्या है – What is NOTA?
नोटा क्या है – What is NOTA?
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार आगामी लोक सभा चुनाओं में मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में सभी प्रत्याशियों को ख़ारिज करने के लिए ‘ उपयुक्त में कोई नहीं’ ‘ नन ऑफ द एबव – नोटा ‘ का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा |
सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को इस संबंध में निर्देश जारी किया था | चुनाव आयोग ने ही राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर अंकुश लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष यह इच्छा प्रकट की थी कि वह मतदाताओं को नोटा का विकल्प देना चाहता है, जिसका अब तक सरकारों ने विरोध किया है उसके पश्चात् पीयूसीएल नामक एक स्वयंसेवी संगठन ने इसके समर्थन में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर 27 सितम्बर 2013 को सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया।
अब तक अगर कोई मतदाता किसी को भी अपनामत नहीं देना चाहता था , तो उसे इसके लिए अलग से एक फॉर्म भरना पड़ता है और अपनी पहचान बतानी होती थी, लेकिन ईवीएम में नोटा का विकल्प होने से अब पहचान प्रकट करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। न्यायालय ने कहा की इससे राजनितिक दल अच्छे प्रत्याशियों को टिकट देने के लिए बाध्य होंगे।
देश में चुनाव में इस विकल्प का प्रयोग पहली बार होगा, पर विश्व के कई देशो में यह पहले से प्रचलित है इनमे कोलंबिया, यूक्रेन, ब्राजील, स्पेन, स्वीडन, चिली, फ़्रांस, बेल्जियम, यूनान आदि शामिल है रूस में 2006 तक यह विकल्प मतदाताओं के लिए उपलब्ध था।
इसे अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीके से लागू किया जाता है, कुछ लोग इसे चुनावी प्रक्रिया के औपचारिक हिस्से के रूप में उपयोग करते हैं, वो अपनी पसंद का उम्मीदवार न मिलने पर नोटा का विकल्प चुन सकते हैं अन्य मतदाताओं को स्पष्ट रूप से नोटा का चयन किए बिना मतदान से दूर रहने की अनुमति देते हैं।
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